जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि खनिजों के खोज और खनन कार्य में लेजर जैसी आधुनिकतम तकनीक का उपयोग किया जाएगा ताकि अधिक वैज्ञानिक ढंग से परिणाम प्राप्त किए जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि खनिज प्लाटों को तैयार कर नीलामी से अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त करने के लिए इस क्षेत्र के विषेषज्ञों की सेवाएं लेने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. अग्रवाल सोमवार को सचिवालय से वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से विभाग के अतिरिक्त निदेशकों, एसएमई और एमई स्तर के अधिकारियों से रुबरु हो रहे थे। उन्होंने कहा कि खनिज खोज व खनन गतिविधियों में आधुनिक तकनीक का उपयोग करके ही इस क्षेत्र की अवैध गतिविधियों को रोका जा सकेगा।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण के प्रति राज्य सरकार गंभीर है और इस पर प्रभावी रोक लगाने के लिए ही अधिकारियों को फिल्ड में अधिक से अधिक समय देने और अवैध गतिविधियों पर सख्ती से कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं। राज्य में प्रतिदिन अवैध परिवहन, खनन और भण्डारण पर कार्यवाही होने से खनन माफियाओं में भय का माहौल बनने लगा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोडेंगे। उन्होंने बताया कि विभाग की पुनर्गठन का काम शुरु कर दिया गया है और जल्दी ही ठोस प्रस्ताव प्राप्त होते ही उस पर कार्यवाही की जाएगी।
निदेशक माइंस केबी पण्डया ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में अभी तक रेकार्ड राजस्व अर्जित किया गया है और राजस्व अर्जन की इस गति को बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा जल्दी ही नए ब्लाकों की नीलामी की कार्यवाही की जाएगी।
वीडियो कॉफ्रेंस में अतिरिक्त निदेशक प्रशासन हर्ष सावनसूखा, एनके कोठ्यारी, बीएस सोढ़ा, महेश माथुर, प्रदीप अग्रवाल, एसएमई एनएस शक्तावत, ओएसडी संजय दुबे, जयपुर से एसएमई प्रताप मीणा, जोधपुर से श्रीकृृष्ण शर्मा, अजमेर से जय गुरुबक्सानी, उदयपुर से ओम प्रकाश काबरा, भीलवाडा से अरविन्द नन्दवाना सहित विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।