दौसा : जिले में गणतंत्र दिवस के जिला स्तरीय समारोह में सम्मान नहीं मिलने पर वीरांगना फूट- फूटकर रोने लगी। वीरांगना की तबीयत इतनी बिगड़ गई कि वह बेहोश हो गई। समारोह में कैबिनेट मंत्री परसादी लाल मीणा भी मौजूद थे। इधर, जिला प्रशासन ने कोरोना गाइडलाइन का हवाला देते हुए सम्मान समारोह से इनकार किया, जबकि 28 प्रतिभाओं का सम्मान किया गया।
वीरांगना रामा देवी ने कहा कि प्रशासन ने गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मान के लिए बुलावा भेजा था। ऐसे में वह अपने बेटे के साथ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जयपुर से दौसा पहुंची थी। वीरांगना बोली कि मेरा ऐसा अपमान कभी नहीं हुआ। यदि सम्मान ही नहीं करना था तो फिर कार्यक्रम में क्यों बुलाया? शहीद के बेटे गिरधर सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन से सूचना मिली थी कि वीरांगना का सम्मान किया जाएगा। ऐसे में वह अपनी मां को लेकर यहां आया था।
हेल्थ मिनिस्टर भी हैरान रह गए
वीरांगना का सम्मान नहीं करने के सवाल पर हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल मीना ने कहा मुझे भी लगा कि इस बार वीरांगना का सम्मान क्यों नहीं किया गया? यदि कोई वीरांगना आई हुई है तो अभी उसका सम्मान कर देते हैं। अधिकारियों से पूछने पर बताया कि कोविड गाइडलाइन की पालना में वीरांगना का सम्मान नहीं रखा गया। ये सुन हेल्थ मिनिस्टर भी हैरान रह गए।
वहीँ, एडीएम रामखिलाड़ी मीणा का कहना है कि कोविड गाइडलाइन की पालना में इस बार वीरांगनाओं के सम्मान का कार्यक्रम नहीं रखा गया था। कोई वीरांगना सम्मान लेने पहुंची हो इसकी जानकारी नहीं है। उल्लेखनीय है कि जानकारी के अनुसार बांदीकुई क्षेत्र के बैजुपाड़ा निवासी जवान गुमान सिंह राजपूत 5 जुलाई 2005 को जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।