बिरला की ‘नायाब’ सोच-:संसदीय क्षेत्र के गांव-गांव में स्वास्थ्य सेना की तैनाती

Birla's 'unsurpassed' thinking-: Deployment of Health Army in village-to-village area of ​​parliamentary constituency

कोटा। कोरोना की जब से दूसरी लहर आई है लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अपने संसदीय क्षेत्र कोटा को इस संक्रमण से मुक्ति दिलाने के प्रयासों में जुटे हुए है। बिरला पहले केंद्र व राज्य के बीच सेतू बन चिकित्सा के आवश्यक संसाधन कोटा तक पहुंचाने में लगे थे और अब अनूठी पहल कर पूरे संसदीय क्षेत्र के गांव-गांव में स्वास्थ्य सैनिक तैनात कर दिए। कोटा शहर में अपनी टीम व सामाजिक संगठनों के माध्यम से हर प्रकार की राहत पहुंचाने का बीड़ा पहले दिन से ही उठा रखा था। कोटा में संक्रमण पर काफी हद तक काबू पाने में कोरोना वॉरियर्स के साथ लोकसभा अध्यक्ष की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। गांव-गांव ‘‘स्वास्थ्य कोरोना योद्धा सेना‘‘ तैनात करने के इस मॉडल की देशभर में चर्चा है।

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281 ग्राम पंचायतों में गई है तैनाती

कोटा-बूंदी जिलों यानी कोटा संसदीय क्षेत्र में ओम बिरला की ओर से 281 ग्राम पंचायतों में स्वास्थ्य सेना तैनात की गई है जो घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की प्रारंभिक जांच करने के साथ जरूरत पड़ने पर कोरोना पीड़ित को अपने संसाधन से हॉस्पिटल में भर्ती करवाने से लेकर उसकी दवा पानी की व्यवस्था भी कर रहे हैं।

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स्वास्थ्य सेना ने मोर्चा संभाला

क्या आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को बुखार, खांसी, गले में खराश या अन्य कोई परेशानी है। बुखार है तो कितने दिनों से है। क्या किसी को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। जिन्हें परेशानी है उन्हें बाहर बुलाएं हम उनके आक्सीजन के स्तर और तापमान की जांच करेंगे। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए ‘‘स्वास्थ्य कोरोना योद्धा सेना‘‘ ने जमीनी स्तर पर गांव-गांव में मोर्चा संभाल लिया है।

प्रत्येक ग्राम पंचायत में तीन से पांच योद्धा

कोरोना की दूसरी लहर के संक्रमण की चपेट में आए ग्रामीण क्षेत्रों में उपचार की समुचित सुविधाएं नहीं हैं और ग्रामीणों में कोरोना से बचाव के प्रति जागरूकता का भी अभाव है। इसको देखते हुए ही लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में 3-5 स्वास्थ्य कोरोना सैनिकों की टीम का गठन किया है।

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चिकित्सा संसाधनों से लैस है स्वास्थ्य सैनिक

स्वास्थ्य कोरोना योद्धा सैनिकों की टीमों को लोकसभा अध्यक्ष की ओर से पल्स आक्सीमीटर, डिजिटल थर्मोमीटर और अन्य संसाधन उपलब्ध करवाए गए हैं। पल्स आक्सीमीटर से आक्सीजन का स्तर तथा थर्मोमीटर से बुखार नापा जा रहा है। जिन लोगों में कोरोना के लक्ष्ण हैं उनको नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर डाक्टर से परामर्श दिलवाकर दवा उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इतना ही नहीं यदि किसी कोविड मरीज की स्थिति गंभीर है तो उसे आक्सीजन सुविधा से लैस एंबुलैंस से जिला अस्पताल या अन्य बड़े अस्पताल में भेजा जा रहा हैं।

 

ग्रामीणों को बता रहे मास्क पहनने का सही तरीका

स्वास्थ्य कोरोना योद्धा सैनिक ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से बचने के लिए कोविड गाइडलाइंस की पालना के लिए भी जागरूक कर रहे हैं। यह सैनिक उन्हें बता रहे हैं कि वर्तमान स्ट्रेन की संक्रामकता को देखते हुए जरूरी है कि डबल मास्क पहना जाए। पहले थ्री प्लाई सर्जिकल मास्क पहनें और उसके ऊपर काॅटन मास्क लिया जा सकता है। इसके अलावा ग्रामीणों को सामाजिक दूरी बनाने तथा हाथ बार-बार सैनेटाइज करने तथा धोने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।

स्वास्थ्य सैनिकों के लिए भी पूरे इंतजाम

कोविड रोगियों की सेवा के दौरान यह स्वास्थ्य कोरोना योद्धा सैनिक स्वयं संक्रमित नहीं हो जाएं इसके लिए उन्हें भी बचाव के सारे संसाधन दिए गए हैं। टीम को मिली किट में पल्स आक्सीमीटर और थर्मोमीटर के अलावा पर्याप्त संख्या में एन-95 मास्क, ग्लब्ज, सैनीटाइजर उपलब्ध करवाए गए हैं।

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वरिष्ठ चिकित्सकों का मार्गदर्शन

लोकसभा अध्यक्ष बिरला इन स्वास्थ्य कोरोना योद्धा सैनिकों को अपने कार्य में दक्ष बनाने के लिए अपनी उपस्थिति में वरिष्ठ चिकित्सकों से ऑनलाइन संवाद भी बराबर करवा रहे हैं। वरिष्ठ चिकित्सक डा. केके पारीक, डा. सकेत गोयल, डा. केके डंग और डा. बृजमोहन मार्गदर्शन दे रहे हैं। स्वास्थ्य कोरोना योद्धा सैनिकों को इन चिकित्सकों के नम्बर भी उपलब्ध करवाए गए हैं ताकि किसी आपात स्थिति में वे उनसे मार्गदर्शन ले सकें।

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