जयपुर: राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा अब पटवार परीक्षा में धांधली के मामले को लेकर मैदान में कूदे है उन्होंने दावा किया है कि पटवारी परीक्षा में भारी स्तर पर धांधली के तथ्य सामने आ रहे हैं। करवा चौथ से एक दिन पहले महिला अभ्यर्थियों की परीक्षा हुई थी। मीणा ने बताया कि पटवार परीक्षा में A, B, C नाम के पुरुष अभ्यर्थियों के बाद सीधे M नाम के छात्रों को शामिल किया गया। क्या ऐसा अपने चहेतों का चयन करने के लिए किया गया।
उन्होंने सवाल खड़ा किया कि पटवारी परीक्षा के परिणाम पर अभ्यर्थियों की आपत्ति के बाद कर्मचारी चयन बोर्ड ने इसे नॉर्मलाइजेशन कमेटी के समक्ष विचारार्थ रखने का फैसला किया है। यानी बोर्ड ने बिना नॉर्मलाइजेशन कमेटी के हरी झंडी के परिणाम जारी किया है। ऐसा करने के पीछे बोर्ड का क्या मकसद था।
मीणा ने आरोप लगाया कि बोर्ड ने स्केलिंग के नाम पर पटवारी परीक्षा में भारी धांधली की है। परीक्षा चार चरणों में हुई थी। पहले तीन चरणों के मुकाबले अधिक प्रश्न सही करने के बावजूद चौथी पारी के बहुत कम अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं।
पटवारी परीक्षा का सिलेबस एक था और पेपर बनाने वाली एजेंसी भी एक ही थी। फिर प्रश्न-पत्रों का स्तर एक जैसा होने की बजाय अलग-अलग क्यों था? क्या ऐसा स्केलिंग की आड में अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया। इस बीच राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड पटवार परीक्षा के अभ्यर्थी पहुंचे उन्होंने ज्ञापन देकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। ज्ञापन देने पहुंचे कई अभ्यर्थियों के 225 नंबर होने के बावजूद भी सिलेक्शन नहीं हुआ है। इन आपत्तियों को देख़ते हुए बोर्ड ने एक्सपर्ट कमेटी के समक्ष फैसला रखने का निर्णय लिया है बोर्ड के सचिव ने इस संबंध में एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी है कि जिसमे कहा गया है कि पटवारी परीक्षा के परिणाम पर अभ्यर्थियों की आपत्ति के बाद कर्मचारी चयन बोर्ड ने इसे नॉर्मलाइजेशन कमेटी के समक्ष विचारार्थ रखने का फैसला किया है।