जयपुर। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की जोधपुर से बाड़मेर व वापसी में सड़क मार्ग से जयपुर तक की यात्रा ने कांग्रेस की अन्दरूनी राजनीति में फिर गर्माहट पैदा कर डाली। सचिन पायलट का रास्ते में जिस तरह जगह-जगह स्वागत हुआ उसने उन धारणाओं को निर्मूल साबित कर दिया जो पायंलट को केवल गुर्जर बेल्ट दौसा से भरतपुर के बीच ही आंक रहे थे।
पायलट का यूं कहे तो सामान्य कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी के भाई के निधन पर शोक संवेदना प्रकट करने का ही था, लेकिन इस दौरे में उमड़ी भीड़ ने राजनीति की सारी गणित को ही बदल डाला। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगर जोधपुर हो चाहे उनकी पकड़ वाले बाड़मेर। वहां जो स्वागत पायलट का देखने को मिला उसने पायलट विरोधियों की नींद उड़ाकर रख दी।
जयपुर तक वापसी का सफर भी अटा रहा स्वागत करने वालों से
पायलट का कल बाड़मेर जाते समय जगह-जगह स्वागत तो हुआ ही देर रात आते समय भी लोग सड़कों पर डटे हुए थे। इसके चलते कार्यकर्ताओं का आग्रह स्वीकार कर उन्हें सम्बोधित भी करना पड़ा। आज सुबह जोधपुर के सर्किट हाउस में भी नजारा देखने वाला था। जोधपुर से जब वे सड़क मार्ग से गुजरे तो लोग तिरंगा लिए सड़कोंं पर डटे हुए थे। अजमेर जिले का मसूदा के खरवां जो पायलट के संसदीय क्षेत्र का हिस्सा रहा है वहां तो ऐतिहासिक स्वागत होना ही था, क्योंकि मसूदा से कांग्रेस विधायक राकेश पारीक पूरी तरह पायलट के प्रति समर्पित हैं। वे तो विभिन्न गैर राजनीतिक आयोजनों में भी कहते नहीं थकते कि पायलट के कारण ही मैं एमएलए बना। आज जो हूं पायलट की ही देन हैं।
कल दानपुर का कार्यक्रम
पायलट के जयपुर पहुंचने पर साधु-संतों ने उनसे मुलाकात कर आशीर्वाद प्रदान किया। पायलट का कल प्रातः 9 बजे अलवर जिले की रेणी तहसील के दानपुर गांव में एक कार्यक्रम में भाग लेने जाने का कार्यक्रम हैं। जमीनी कार्यकर्ताओं तक सीधी पहुंच की रणनीति से जोड़कर इन कार्यक्रमों को देखा जा रहा हैं।