पंजाब में बदलाव के बाद राजस्थान में भी हलचल, पायलट समर्थकों को कुछ अच्छा होने की उम्मीद

जयपुर। पंजाब में हुए बदलाव और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ हाल में 17 सितंबर को हुई राहुल गांधी से हुई मुलाकात ने राजस्थान के सियासी पारे में एकाएक फिर गरमा दिया है। पायलट खेमा में काफी सक्रियता दिखाई दे रही है। पायलट समर्थकों को उम्मीद है कि अब अच्छे दिन आएंगे, जबकि पायलट विरोधियो के राहुल गांधी से ताज़ा मुलाकात ने कान खड़े कर दिए। पायलट -राहुल के बीच 14 से अधिक माह बाद हुई मुलाकात का ब्यौरा तो नहीं मिल पाया, लेकिन पायलट समर्थकों के चेहरों पर रौनक देख इसका सहज अंदाज लगाया जा सकता है कि राजस्थान में भी कुछ बदलाव की सुगबुगाहट जरूर है।

हालांकि राजनीति के जानकार पंजाब जैसा बड़ा बदलाव तो राजस्थान में नहीं मानते,लेकिन उनके समर्थकों को मंत्रिमंडल प्रतिनिधित्व व राजनीतिक नियुक्तियों में भागीदारी अब जल्द मिल सकती हैं। पायलट को भी प्रदेश कांग्रेस की कमान फिर से सौंपी जा सकती है। पायलट को आलाकमान ने इसके संकेत भी पिछले दिनों दे दिए थे।

यह दीगर बात है कि पायलट के शुभचिन्तक उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में जल्द देखना चाहते हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने भी एक ट्वीट कर राजस्थान की सियासत को और हवा दे डाली। आचार्य ने अपने ट्वीट में कहा कि पंजाब की हवायें “राजस्थान” और “छत्तीसगढ़” का “मौसम” भी बिगाड़ सकती हैं। इसके मायने यहीं लगाए जा रहा है कि दोनों प्रदेशो में शीघ्र बदलाव होगा। हालांकि, आचार्य पहले भी पायलट के पक्ष में बोल व ट्वीट कर चुके हैं। उन्हें पायलट के काफी निकट माना जाता है।

पायलट के खास सिपहसालार पूर्व प्रदेश कांग्रेस में संगठन महासचिव महेश शर्मा ने भी एक निजी चैनल से बातचीत में कहा – राजस्थान में भी होना चाहिए नेतृत्व परिवर्तन। पायलट की मेहनत के दम पर राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनी है। ऐसे में आलाकमान को चाहिए पायलट को राजस्थान का सीएम बनाएं। उन्होंने कहा कि अगर पायलट को सीएम बनाते है तो आगामी चुनाव में भी फायदा मिलेगा।

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