कानून मंत्री रविशंकर ने कहा फ्री स्पीच के नाम पर कानून के पालन से नहीं बच सकता ट्विटर

नई दिल्ली :  गाजियाबाद मामले के तूल पकड़ने के साथ ही अब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर को आड़े हाथों लिया है।सख्त रुख अपनाते हुए ट्विटर के खिलाफ कई ट्वीट किए हैं। प्रसाद ने कहा है कि अभिव्‍यक्ति की आजादी के नाम पर कानून से बचा नहीं जा सकता है।

‘कानून की पालना से नहीं बच सकते’

कानून मंत्री ने लगातार कई पोस्ट्स किए, जिनमें उन्होंने कहा कि ‘अगर किसी विदेशी संस्‍था को लगता है कि वह खुद को भारत में अभिव्‍यक्ति की आजादी का झंडाबरदार बनकर कानून की पालना से खुद को बचा लेगी, तो ऐसी कोशिशें बेकार हैं।’

‘फेक न्यूज पर कार्रवाई न करने से हैरानी’

उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि सच यह है कि 26 मई से प्रभाव में आईं इंटरमिडियरी गाइडलाइंस के अनुपालन में ट्विटर असफल रहा है। ट्विटर को कई चांस दिए गए लेकिन उसने नए कानून का पालन नहीं करना ही चुना।प्रसाद ने आगे कहा कि गाजियाबाद में जो हुआ उसके बाद ट्विटर के एक्शन नहीं लेने से हैरानी है। इससे पता चलता है कि फेक न्‍यूज से उसकी लड़ाई में अस्थिरता है.

“गाइडलाइंस से इंकार करता है ट्विटर “

कानून मंत्री ने कहा ” क्या ट्विटर संरक्षण प्रावधान का हकदार है।हैरानी की बात है कि खुद को स्वतंत्र अभिव्यक्ति के ध्वजवाहक के रूप में पेश करने वाला ट्विटर, जब मध्यस्थ दिशानिर्देशों की बात आती है तो जानबूझकर अवज्ञा का रास्ता चुनता है।इस मामले का सामान्य तथ्य यह है कि ट्विटर 26 मई से लागू हुए मध्यस्थ दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल रहा है।

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