नई दिल्ली : कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्करों के लिए PM मोदी ने एक क्रैश कोर्स लॉन्च किया। उन्होंने कोरोना महामारी को लेकर देश को तैयार रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज से शुरू किए जा रहे क्रैश कोर्स के जरिए 1 लाख वारियर्स को कोरोना महामारी का सामना करने के लिए तैयार किया जाएगा। साथ ही PM मोदी ने क्रैश कोर्स करने वाले फ्रंटलाइन वर्करों को शुभकामनाएं दी और उम्मीद जताई की वे जल्द ही हेल्थकेयर वर्करों के सहयोग के लिए तैयार होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्कर्स के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए इस ‘क्रैश कोर्स प्रोग्राम’ का शुभारंभ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। ये क्रैश कोर्स प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के तहत देश भर के 26 राज्यों में स्थित 111 प्रशिक्षण केंद्रों में करवाया जाएगा। लॉन्च के इस मौके पर स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप के केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे।
2-3 महीने में पूरा होगा क्रैश कोर्स
यहां PM मोदी ने कहा, ‘इस कोविड-19 महामारी ने दुनिया के हर देश, हर संस्था, हर समाज, हर परिवार, हर इंसान के सामर्थ्य को बार-बार परखा है। वहीं इस महामारी ने साइंस, सरकार, समाज, संस्था और व्यक्ति के रूप में हमें अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए सतर्क भी किया है।’ पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना से लड़ रही वर्तमान फोर्स को सपोर्ट करने के लिए देश में करीब 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है, ये कोर्स 2-3 महीने में ही पूरा हो जाएगा।
लाइव?: प्रधानमंत्री @narendramodi ‘कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए विशेष रूप से तैयार क्रैश कोर्स प्रोग्राम’ का शुभारंभ कर रहे हैं
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— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) June 18, 2021
ट्रेनिंग के लिए 273 करोड़ रुपये का आवंटन
इसके तहत 6 भूमिकाओं में दक्षता के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। ये होंगे होम केयर सपोर्ट, बेसिक केयर सपोर्ट, एडवांस केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट और मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट। इसकी लागत कुल 273 करोड़ रुपये है। हेल्थ सेक्टर में वर्तमान व भविष्य के लिए मानव संसाधन की जरूरतों को पूरा करने के लिए नॉन मेडिकल हेल्थकेयर वर्करों का कौशल विकास करना इस प्रोग्राम का मकसद है।
बीते 7 साल में देश में नए मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल पर ध्यान
PM मोदी ने कहा कि इस अभियान से कोविड से लड़ रही हमारी हेल्थ सेक्टर की फ्रंट लाइन फोर्स को नई ऊर्जा भी मिलेगी और हमारे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे, बीते 7 साल में देश में नए एम्स, नए मेडिकल कॉलेज, नए नर्सिंग कॉलेज के निर्माण पर बल दिया गया है, इनमें से कई ने काम करना भी शुरु कर दिया है।
इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में श्रमशक्ति की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुशल गैर-चिकित्सा स्वास्थ्यकर्मियों को तैयार किया जाएगा। किसी विषय विशेष की जानकारी देने और कौशल विकसित करने के मकसद से अल्प अवधि के लिए चलाये जाने वाले कार्यक्रम को क्रैश कोर्स कहते हैं।
