पश्चिम बंगाल राज्यपाल ने ममता बनर्जी पर फिर साधा निशाना, कहा – सीएम और गवर्नर के बीच संवाद नहीं रहेगा तो डेमोक्रेसी से भटक जाएंगे

राज्यपाल

जयपुर : पश्चिमी बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ ने जयपुर में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार उनके साथ सहयोग नहीं करती है।। मैने हमेशा प्रयास किया और आगे भी करूंगा कि कंधे से कंधा लगाकर सरकार का सहयोग करूं, लेकिन एक हाथ से यह सहयोग संभव नहीं है। यह हालत मैं देख रहा हूं, जो चिंता का विषय है। यदि सीएम और गवर्नर के बीच संवाद नहीं रहेगा तो हम डेमोक्रेसी से भटक जाएंगे।

संविधान में साफ प्रावधान है कि राज्यपाल सरकार से जो जानकारी मांगेगा, वह उसे उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके बावजूद इस राज्यपाल को पिछले ढाई साल में बार-बार मांगने के बावजूद कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गई। यह मेरे और सबके लिए चिंता की बात है।धनखड़ ने कहा कि मैंने सब कुछ संविधान के दायरे में रहकर किया। मेरे खिलाफ एक नरेटिव बनाया जाता है कि मैं टकराव पैदा कर रहा हूं। विधानसभा का सत्र नहीं बुलाना चाहता, इससे राज्य में संवैधानिक संकट खड़ा हो जाएगा। मैं यह कह देना चाहता हूं कि केन्द्र और राज्य सरकार जिस दिन आश्वस्त हो जाएगी कि मैं उनके ही कहने पर काम करूंगा तो उस दिन में कुर्सी पर नहीं रहूंगा।

संविधान में कहीं नहीं लिखा मुख्यमंत्री कैबिनेट का फेस होता है – धनखड़

दरअसल, राजस्‍थान विधानसभा में राज्‍यपाल एवं विधायकों की भूमिका विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए धनखड़ ने पश्चिम बंगाल में हुए घटनाक्रम का जिक्र किया। उन्होंने कहा बंगाल में विधानसभा सत्र बुलाने के लिए मुझे वहां के गृह सचिव और मुख्य सचिव पत्र लिखकर कह रहे हैं। मैंने जब उनसे पूछा कि इसका संवैधानिक आधार क्या है तो वे चुप हो गए। बाद में मुख्यमंत्री ने अनुरोध भेजा तो मैंने समझाया कि कैबिनेट से प्रस्ताव आना चाहिए तो वह बोली मैं कैबिनेट का फेस हूं। मैंने कहा कि संविधान में कहीं भी ये नहीं लिखा कि मुख्यमंत्री कैबिनेट का फेस है।

आखिर में उन्होंने कैबिनेट से प्रस्ताव बनाकर भेज तो दिया, लेकिन उसमें विधानसभा सत्र रात 2 बजे बुलाने का जिक्र किया। मैंने इस मामले में जब मुख्य सचिव से कंफर्म किया तो ये मीडिया में हल्ला मच गया कि मैं विधानसभा का सत्र नहीं बुलाना चाहता, राज्य में संवैधानिक संकट खड़ा हो जाएगा। जब मैंने कैबिनेट से प्रस्ताव पास कर दिया तो उसमें रात 2 बजे सदन बुलाने का प्रस्ताव था, जिसे मैंने स्वीकार भी कर लिया। अब रात में सदन बुलाने का मामला पूरे दिन ट्विटर पर चलता रहा।

राज्यपाल होता है सॉफ्ट टारगेट

धनखड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस बयान पर भी जवाब दिया जिसमें गहलोत ने कहा था कि आप उस राज्य के मुख्यमंत्री है, जिसकी पार्टी की केन्द्र में सरकार नहीं है। इस पर धनखड़ ने कहा कि जिन राज्य सरकारों की पार्टी की सरकार केन्द्र में नहीं होती, उनके लिए राज्यपाल सबसे सॉफ्ट टारगेट होता है। एक तरफ से आप पंचिंग बैग हैं। आप पर कुछ भी आरोप लग सकते हैं। आपको पार्टी का एजेंट कहा जा सकता है, केन्द्र के एजेंडों को पूरा करने वाला व्यक्ति कहा जा सकता है।

इन विधायकों को किया सम्मानित

इस संबोधन के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और संसदीय कार्यमंत्री ने बेस्ट विधायकों को सम्मानित किया। इसमें साल 2019 के लिए विधायक ज्ञानचन्‍द पारख, साल 2020 के लिए विधायक संयम लोढा और साल 2021 के लिए विधायक बाबूलाल व विधायक मंजू देवी को बेस्ट MLA के रूप में सम्मानित किया।

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