पायलट ने फिर मोर्चा खोला और बोले-जो वादे किए 10 माह बाद भी पूरे नहीं हुए

पायलट

जयपुर। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट दो माह की चुप्पी के बाद एक बार फिर मुखर हुए और कार्यकर्ताओं की सत्ता व संगठन में उचित भागीदारी को लेकर आवाज उठाई। पायलट ने कहा, ‘मुझे समझाया गया था कि सुलह कमेटी तेजी से एक्शन लेगी, लेकिन आधा कार्यकाल पूरा हो चुका है और वे मुद्दे अब भी अनसुलझे ही हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी को सत्ता में लाने के लिए रात-दिन मेहनत की और अपना सब कुछ लगा दिया, उनकी सुनवाई ही नहीं हो रही है।’

पायलट पहले भी उठा चुके है ये मांग

पायलट ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इन्टरव्यू में खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 10 महीने हो गए हैं और उनसे किए वादे पूरे नहीं किए हैं। इससे पहले अप्रैल में भी सचिन पायलट ने कहा था कि कई महीनों पहले एक कमेटी बनी थी। मुझे विश्वास है कि अब और ज्यादा देरी नहीं होगी। जो चर्चाएं की थीं और जिन मुद्दों पर आम सहमति बनी थी, उन पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई होनी चाहिए और ऐसा होगा मुझे लगता है। मुझे सोनिया गांधी पर पूरा विश्वास है, उनके आदेश पर ही कमेटी बनी थी। अभी कमेटी में दो सदस्य हैं। उपचुनाव और पांच राज्यों के चुनाव थे, वे भी खत्म होने को हैं तो मुझे नहीं लगता कि अब कोई ऐसा कारण है कि उस कमेटी के फैसलों को लागू करने में और देरी होगी।

कांग्रेस की अंदरूनी सियासत फिर गर्माई

पायलट के इस ताजा बयान से कांग्रेस में चर्चाओं का दौर फिर शुरू हो गया है। वैसे यूं तो पायलट समर्थक वेद सोलंकी समय-समय पर मुखर होकर पायलट की ओर से कही बातों को दोहराते रहे है, लेकिन इस बार स्वयं पायलट का अपने खेमे की बात रखना काफी महत्वपूर्ण है। सचिन पायलट के ताजा बयान से एक बार फिर कांग्रेस की अंदरूनी सियासत गर्मा गई है। पायलट का बयान ऐसे वक्त आया है जब उनके एक समर्थक हेमाराम चौधरी ने इलाके के विकास के कामों की अनदेखी के मुद्दे पर 18 मई को इस्तीफा दे दिया था। वे अपने इस्तीफे पर अभी भी अड़े हुए हैं। अब सचिन पायलट के ताजा बयान के बाद उनकी नाराजगी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है।

टूट रहा हैं सब्र का बांध

आपको बता दे कि राजस्थान में पिछले साल सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद बनी कांग्रेस की तीन सदस्यीय सुलह कमेटी की अब तक कोई रिपोर्ट नहीं आई है और यहीं नाराजगी का बड़ा कारण बना हुआ हैं। पायलट खेमे के सब्र का बांध टूट रहा है।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल और अजय माकन को शामिल करते हुए एक कमेटी बनाई थी। इस सुलह कमेटी का काम सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों की मांगों को सुनकर उसके आधार पर हाईकमान को रिपोर्ट देना था। कमेटी के एक मेंबर अहमद पटेल का देहांत हो चुका है। इस कमेटी को बने 10 माह बीत चुके हैं, लेकिन अब तक उसकी रिपोर्ट का अता-पता नहीं है।

माकन बोले मेरे बोलने का अभी समय नहीं

वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने भी एक अंग्रेजी अखबार में बयान दिया है। सचिन पायलट के बयान पर बोलते हुए अजय माकन ने कहा कि मेरे बोलने का अभी सही समय नहीं है, लेकिन सरकार में कुछ खाली पद उन्हें जल्दी ही भरा जाएगा।

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