WHO : कोविड-19 का ‘बी.1.617.2’ स्वरूप ही अब चिंता का सबब

बी.1.617.2

संयुक्त राष्ट्र: भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच राहत की खबर मिली है। दरअसल, भारत में मिले कोरोना वायरस के वैरिएंट के खतरे को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि ‘डेल्टा’ का अब सिर्फ एक वैरिएंट बी.1.617.2 ही चिंता का विषय है, जबकि बाकी दो स्ट्रेन का खतरा कम हो गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि सबसे पहले भारत में पाए गए बी.1.617 कोविड-19 के तीन स्वरूप में से एक बी.1.617.2 ही अब ‘‘चिंता का सबब’’ है। वहीं बाकी के दो स्वरूप में संक्रमण फैलाने की दर बहुत कम है। यह ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट है क्योंकि यह तीन प्रजातियों (लिनिएज) में है।

लोगों की जान को सबसे अधिक खतरा बी.1.617.2 से है

डब्ल्यूएचओ ने कहा, ‘‘तब से यह साबित हो गया है कि लोगों की जान को सबसे अधिक खतरा बी.1.617.2 से है जबकि बाकी के स्वरूपों में संक्रमण फैलाने की दर बहुत कम है।’’ संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा जारी अपडेट में कहा गया, ‘‘बी.1.617.2 अब भी वीओसी है और हम इससे संक्रमण फैलने की बढ़ती दर और इस स्वरूप से कई देशों में बढ़ते संक्रमण के मामलों पर नजर रख रहे हैं। इस स्वरूप के असर पर अध्ययन डब्ल्यूएचओ के लिए उच्च प्राथमिकता है।’’

बता दें कि डब्ल्यूएचओ ने सोमवार को कोविड-19 के अहम स्वरूपों को नाम देने के लिए नयी प्रणाली की घोषणा की। ये नाम ग्रीक वर्णमाला (जैसे कि अल्फा, बीटा, गामा आदि) पर आधारित है। जिससे ‘‘इन्हें नाम देना और याद रखना आसान हो गया है।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *