नई दिल्ली: नए आईटी नियमों का पालन न करने को लेकर ट्विटर (Twitter) पर भारत की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है। अब ट्विटर से भारतीय आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत मिली कानूनी कार्रवाई से छूट को खत्म कर दिया गया है। ट्विटर (Twitter) ने भारत में एक इंटरमीडरी प्लेटफॉर्म (Intermediary Platform) के रूप में अपनी स्थिति गवां दी है। ट्विटर सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म में ऐसा अकेला प्लेटफॉर्म है जिसने नए कानूनों का पालन नहीं किया है। इसका मतलब यह है कि अब किसी भी आपत्तिजनक पोस्ट के लिए ट्विटर को भी दोषी माना जाएगा और ट्विटर के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकेगी।
Twitter to lose its status as intermediary platform in India as it does not comply with new guidelines, it is the only social media platform among mainstream that has not adhered to new laws: Government sources
— ANI (@ANI) June 16, 2021
भारत में ट्विटर विभिन्न यूज़र्स से सामग्री की होस्टिंग करने वाला केवल एक प्लेटफॉर्म माना जाने की बजाय, ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित पोस्ट के लिए सीधे संपादकीय रूप से जिम्मेदार होगा। इस का मतलब यह है कि अगर कोई गैरकानूनी सामग्री के लिए ट्विटर के खिलाफ कोई आरोप है तो इसे एक प्रकाशक के रूप में माना जाएगा। इंटरमीडरी नहीं और आईटी अधिनियम, साथ ही देश के दंड कानूनों सहित किसी भी कानून के तहत दंड के लिए उत्तरदायी होगा।
ट्विटर ने मंगलवार को कहा कि उसने भारत के लिये अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त कर लिया है। जल्द ही अधिकारी का ब्यौरा सीधे सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (IT Ministry ) के साथ साझा किया जाएगा.
सरकार ने ट्विटर को दिए एक नोटिस में कहा था कि उसे नियमों के अनुपालन का आखिरी मौका दिया जाता है। उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है। यदि वह इसमें विफल रहती है, तो उसे आईटी कानून के तहत दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी। इसके साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।
Twitter पर FIR दर्ज करने वाला पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश
कानूनी संरक्षण खत्म होते ही उत्तर प्रदेश ट्विटर के खिलाफ फेक न्यूज को लेकर केस दर्ज करने वाला पहला राज्य बन गया है। एक अधिकारी के मुताबिक, 26 मई से ट्विटर को मिली कानूनी छूट खत्म हो चुकी है। सरकार ने पहले ही ट्विटर को यह चेताया था कि अगर उसने नए आईटी नियमों का पालन नहीं किया तो उसे आईटी कानून के तहत दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी। इसके साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।
उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने एक बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता किए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिनमें से एक ट्विटर इंडिया भी है। इन सभी पर घटना को गलत तरीके से सांप्रदायिक रंग देने की वजह से यह ऐक्शन लिया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि एक बुजुर्ग मुस्लिम को पीटा गया और उसकी दाढ़ी काट दी गई। गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक, ट्विटर ने वीडियो को वायरल होने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया।

पुलिस के मुताबिक इस मामले की सच्चाई कुछ और है। पीड़ित बुजुर्ग ने आरोपी को कुछ ताबीज दिए थे जिनके परिणाम न मिलने पर नाराज आरोपी ने इस घटना को अंजाम दिया। लेकिन ट्विटर ने इस वीडियो को मैन्युप्युलेटेड मीडिया का टैग नहीं दिया। पुलिस ने यह भी बताया कि पीड़ित ने अपनी FIR में जय श्री राम के नारे लगवाने और दाढ़ी काटने की बात दर्ज नहीं कराई है।
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