लोकसभा में सांसद हनुमान बेनीवाल ने आज फिर उठाया REET प्रकरण

लोक सभा में सांसद हनुमान बेनीवाल ने आज फिर उठाया रीट प्रकरण

नई दिल्ली: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनिवाल ने शुक्रवार को लोक सभा में राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए राजस्थान में रीट -2021 भर्ती परीक्षा में हुई धांधली व पेपर आउट होने के प्रकरण को उठाते हुए मामले में संसदीय समिति को भेजने, राज्यपाल से पूरे मामले की रिपोर्ट मंगवाने , सीबीआई जाँच करवाने तथा भर्ती परीक्षा को रद्द करवाने की मांग की। उन्होंने राजस्थान सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाए। सांसद ने कहा कि राजस्थान में भर्तियों में हो रही धांधली व लगातार आउट हो रहे पेपर से बेरोजगारों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की रीट 2021 भर्ती में एक संगठित गिरोह ने राजस्थान की सरकार के जिम्मेदारों के संरक्षण में पेपर आउट किया । दुर्भाग्य इस बात का है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के जिन जिम्मेदारों की भूमिका परीक्षा को करवाने की थी,उन्ही जिम्मेदारों ने पेपर आउट करवाया |

बेनीवाल ने यह आरोप भी लगाए

सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोक सभा में कहा कि शिक्षा संकुल में गैर सरकारी व्यक्तियों को पेपर की निगरानी के लिए नियुक्त कर देना और राजस्थान की जाँच एजेंसी एसओजी द्वारा यह स्वीकार करना कि शिक्षा संकुल से पेपर आउट हुआ है जो यह इंगित करता है कि राजस्थान सरकार में बैठे मंत्रियो, अधिकारियो व मुख्यमंत्री कार्यालय की सह के बिना यह असंभव था। सांसद ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और जिन्हें राजस्थान में रीट परीक्षा में अहम जिम्मेदारी मिली थी वो कांग्रेस की राजीव गांधी स्टडी सर्कल संस्था में सदस्य और पदाधिकारी है जिसके संरक्षक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेशनल को-ऑर्डिनेटर मंत्री सुभाष गर्ग है।

वहीँ माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बर्खास्त अध्यक्ष डीपी जारोली सदस्य और रीट जयपुर को-ऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर संस्था के जयपुर रीजन को-ऑर्डिनेटर हैं। सांसद ने कहा कि एसओजी राजस्थान सरकार की एजेंसी है इसलिए पर्दे के पीछे जो असली मगरमच्छ है उन्हें वो नहीं पकड़ पायेगी, क्योंकि पेपर जब आउट हुआ तब राजस्थान सरकार के जिम्मेदार यह दावा कर रहे थे कि पेपर आउट ही नहीं हुआ इसलिए मामले में सीबीआई जाँच जरुरी है |

बेनीवाल ने कहा इस भर्ती में वित्तीय घोटाला भी हुआ है, क्योंकि दस साल पहले आरटेट के पेपर जिस फर्म से छपवाए गए थे उसी फर्म से इस बार भी छपवाए गए हैं। गड़बड़ी उस समय भी हुई और उसके बावजूद उस एजेंसी को फिर से प्रिंट का जिम्मा दे दिया गया। राजस्थान के किस अधिकारी ने उसी फर्म को यह काम दिलवाया यह जाँच का विषय है ,क्योंकि वित्तीय घोटाला भी इस पूरे मामले में हुआ है। इस फर्म को 130 करोड़ के आस पास की राशि का भुगतान किया गया |

इन भर्तियों का भी किया जिक्र

-सांसद ने कहा कि वर्तमान राजस्थान सरकार के कार्यकाल में 5 बड़ी भर्ती परीक्षाएं हुईं। पांचों परीक्षाओं के पेपर आउट हुए हैं। सांसद ने कहा कि राजस्थान एसआई भर्ती परीक्षा, नीट -2021,JEN भर्ती परीक्षा-2021, पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड-3 परीक्षा के पेपर रीट से पहले आउट हुए है |

इन मुद्दों को भी रखा

सांसद ने कहा की राष्ट्रपति अभिभाषण में 82 बिंदुओं के माध्यम से जो बातें कहीं उसमे ऐसा कहीं भी प्रतीत नहीं हुआ जिसमे यह सामने आ सके कि शासन की क्या कमिया रहीं। सांसद ने कोरोना काल में संसाधनों की कमियों ,ऑक्सजीन की कमियों से हुई मौतों का जिक्र भी किया व कहा कि अभिभाषण के बिंदु संख्या 14 में राष्ट्रपति ने संविधान के शिल्पी बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर और उनके आदर्शों का ज़िक्र तो किया, लेकिन में सरकार से पूछना चाहूंगा कि क्या सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों को खत्म करना आरक्षण को खत्म करना नहीं है ? चूंकि आरक्षण सिर्फ सरकारी नौकरियों में है, इसलिए सरकारी नौकरियों में कटौती का मतलब आरक्षण का कमजोर होना भी है । ऐसी परिस्थितियों में सरकार वंचित वर्गों के साथ अन्याय कर रही है ।

अगर हम नौकरियों की घटती संख्या, सरकारी क्षेत्र के निजीकरण और नौकरशाही में हो रही लैटरल एंट्री में आरक्षण की अनदेखी को मिलाकर देखें तो ये कहा जा सकता है कि वास्तव में आरक्षण ऐसी स्थिति में पहुंच रहा है, जहां इसके होने या नहीं होने में खास अंतर नहीं रह जाएगा। बेनीवाल ने कहा कि अभिभाषण में स्वाधीनता समानता तथा भाईचारे का जिक्र किया, मगर राजस्थान,उत्तरप्रदेश व बिहार में दलितों पर हो रहे अत्याचार को लेकर लगातार जो मामले सामने आ रहे हैं वह चिंताजनक है ऐसे में सरकारों को आजादी के दशकों बाद भी दलित उत्पीड़न के मामलों पर लगाम लगाने के लिए ठोस उपाय करने की आवश्यकताएं थी।

वह आवश्यकताएं पूर्ण रूप से धरातल पर नहीं आ पा रही है। सांसद हनुमान बेनीवाल ने समर्थन मूल्य पर कानून बनाने तथा किसान की पूरी उपज समर्थन मूल्य पर खरीदने की नीति बनाने की मांग की। बेनीवाल ने ग्रामीण भारत में किसान परिवारों की वार्षिक आय कृषि की अनुमानित विकास दर के आंकड़ों को प्रस्तुत करते हुए राजस्थान में राहुल गांधी द्वारा किसान कर्ज माफी को लेकर किए गए वादे का जिक्र करते हुए कहा कि आज तक राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने उस वादे को पूरा नहीं किया और किसानों को संबल देने के स्थान पर किसानों की जमीन को कुर्क किया जा रहा है। उन्होंने किसान आत्महत्या , डीएपी की कीमतों में हुई बढ़ोतरी,ट्रेक्टर व अन्य कृषि उपकरणों पर ली जाने वाली जीएसटी का मुद्दा भी उठाया साथ ही रेलवे भर्ती में हुए घोटाले का जिक्र भी किया। वही सरकारी महकमों में खाली पड़े पदों का जिक्र किया ।

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