जयपुर: गहलोत सरकार ने दो साल पहले शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 31 हजार पदों पर भर्ती का ऐलान किया था, लेकिन अब तक भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में बेरोजगारों ने इस भर्ती में पद बढ़ाने की मांग उठाई है। बेरोजगार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 50 हजार पदों पर भर्ती की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया twitter पर अभियान भी चला रखा है। उनका तर्क है कि दो साल में खाली पदों की संख्या में बढ़ोतरी हो चुकी है। इसलिए सरकार पद बढ़ाकर बेरोजगारों को राहत दे।
सरकार ने 24 दिसंबर 2019 को 31 हजार पदों पर भर्ती के लिए 2 अगस्त 2020 को REET के आयोजन की घोषणा की थी, लेकिन कोरोना के चलते REET नहीं हो सकी और 6 बार परीक्षा तिथि आगे खिसकाई गई। अब सरकार इस साल 26 सितंबर को REET का आयोजन करा चुकी है और रिजल्ट भी जारी हो चुका है। रिजल्ट में 11,04,216 अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता प्राप्त हुई है।
बेरोजगारों ने सोशल मीडिया पर छेड़ा अभियान
इसमें लेवल वन में 3,30,604 और लेवल टू में 7,73,612 अभ्यर्थियों को पात्रता मिली है। रिजल्ट के बाद से ही पद बढ़ाने की मांग जोर पकड़ रही है। पिछले कुछ दिनों से बेरोजगारों ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर अभियान चला रखा है। वे #रीट_में_पद_50000_करो और #REET_में_पद_बढ़ाकर_50000_करो हैशटेग को ट्रेंड करा रहे हैं। अब प्रारंभिक शिक्षा विभाग को शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू करनी है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा विभाग की बैठक ली थी। इस बैठक के बाद भी तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 31 हजार पदों पर ही भर्ती की बात कही गई थी। बेरोजगारों का कहना है कि सरकार समय पर भर्ती नहीं करा पाई। इसलिए अब पद बढ़ाए जाने चाहिए।
पदों की संख्या में बढ़ोतरी के पीछे तर्क
बेरोजगारों का कहना है की घोषणा के दो साल बाद भी भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई। दो साल में बीएड और बीएसटीसी के करीब ढ़ाई लाख नए अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती की दौड़ में शामिल हो गए। लगातार रिटायर हो रहे शिक्षकों के कारण खाली पदों की संख्या बढ़ गई।सरकार अगर घोषणा के साथ ही भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ कर देती तो अब तक नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का समय हो जाता।