नागौर। हनुमानगढ़ का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि नागौर जिले के भावण्डा क्षेत्र में सुनील उर्फ सोनू तोड़ा की मौत का मामला गरमा गया है। रालोपा के संयोजक हनुमान बेनीवाल भी उपचुनाव क्षेत्र बल्लभनगर का दौरा बीच में छोड़ भावण्डा पहुंचने से मामले में और गर्माहट आ गई हैं। युवक और परिजनों के साथ ग्रामीण हनुमान बेनीवाल तथा खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल के नेतृत्व में मांगे पूरी होने तक शव के साथ भावण्डा पुलिस थाने के बाहर धरने पर डटे हुए हैं।
इस युवक से 13 दिन पहले अपहरण और मारपीट का मामला सामने आया था। घायल युवक को गंभीर हालत में अहमदाबाद के अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां मंगलवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। युवक की मौत के बाद क्षेत्र में हंगामा मच गया। बुधवार को परिजनों के साथ ग्रामीण शव ले भावण्डा थाने पहुंच गए और शव को थाने में रख दिया। देर रात इस मामले में नागौर पुलिस अधीक्षक अभिजीत सिंह ने भावण्डा एसएचओ शंकरलाल, हेडकांस्टेबल गवानराम व कांस्टेबल राधेश्याम को हटाकर पुलिस लाइन भेजने के आदेश कर दिए थे, लेकिन इस घटना के एक भी आरोपी की अब तक गिरफ्तारी नहीं होने से लोगों में रोष हैं। बुधवार रात में पुलिस ने धरने पर बैठे लोगों को उठाने की कोशिश की तो भीड़ उग्र हो गई। गुस्साई भीड़ ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए थाने का फाटक उखाड़ कर फेंक दिया।
सबकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए
इस बीच उदयपुर से भावण्डा पहुंचे नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि ये है जघन्य हत्याकांड है यह शायद पहला हत्याकांड होगा, जिसमें बुरी तरह से मारने की नियत से ही पीटा गया और फिर ताडा को डाल गए। पहले ऐसा कभी नहीं होता था। चुनाव के बाद लोग एक जाजम पर बैठते थे। इस मामले में चाहे बाहर के लोग हो चाहे लोकल गिरफ्तारी हर हाल में हो जानी चाहिए थी। बेनीवाल का आरोप था कि कुछ पुलिसकर्मी भी इस हत्या के षडय़ंत्र में शामिल थे। इन सबकी भी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। मैंने प्रदेश के डीजीपी से बात की थी। सीएम के यहां भी बात की हैं। आज का समय दिया गया है। सबकी गिरफ्तारी हो तथा दोषी पुलिस कर्मियों को निलम्बित किया जाए। सारी मांगे नहीं मानी जाए नहीं तो राजस्थान का जवान ईंट से ईंट बजा देगा। इसका धुंआ दिल्ली तक उठता दिखाई देगा। जरूरत पड़ी तो राजस्थान बंद भी करवाएंगे।
अपराधों में पहले नम्बर पर आ गया राजस्थान
बेनीवाल ने गहलोत सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि उनको तो अपनी सरकार बचाने की चिंता हैं लोग मरे तो मरने दो। पहले कोरोना और अब अपराधों में लोग मर रहे हैं। राजस्थान अपराधों में पहले नम्बर पर आ गया हैं। इस शांत इलाके में एक बार फिर गैंगवार की स्थिति ला दी हैं। समय रहते कदम उठाएं। इसे हल्के में न ले। उन्होंने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा वे हिलने वाले नहीं हैं। समय लग सकता है, क्योंकि सरकार गूंगी बहरी हैं। अगल कदम क्या होगा वह भी जल्द सामने आ जाएगा।
ये है मांगे
- सभी आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए।
- मामले की गंभीरता को हल्के में लेने वाले मुंडवा ष्टह्र को हटाया जाए।
- भावण्डा एसएचओ को सस्पेंड किया जाए और पूरे थाना स्टाफ को लाइन हाजिर किया जाए।
- मामले की जांच किसी दूसरे उच्च अधिकारी को सौंपी जाए।
- मृतक के परिजनों को 20 लाख का आर्थिक मुआवजा दिया जाए।
ऐसे घटित हुआ घटनाक्रम
मृतक के पिता शिवराम ने बताया कि बेटा सुनील 1 अक्टूबर को रात 9 बजे मानकपुर चौराहे स्थित गिरधर धर्म कांटे में बैठा था। उसके साथ धर्म कांटा मालिक राजू भडिय़ार, जयपाल भडिय़ार, महिपाल और रामलाल भी बैठे थे। तभी अचानक वहां 3 गाडिय़ों में 20-25 लोग हाथों में लाठी-सरिए लेकर आए। उन्होंने गाड़ी से उतरते ही सुनील पर हमला बोल दिया। इस दौरान बीच-बचाव करने वालों से भी मारपीट की गई। इसके बाद हमलावर सुनील के साथ मारपीट करते हुए उसे गाड़ी में डालकर अपने साथ ले गए।
इसके बाद अधमरी हालत में सुनील को राधिका भट्टे के पास फेंककर भाग गए। जाने से पहले आरोपियों ने सुनील के हाथ से 2 सोने की अंगूठियां, 18 हजार कैश और गाड़ी के कागजात भी ले लिए। सुनील के पिता ने बताया था कि बेटे ने एक व्यक्ति को 3 लाख 50 हजार रुपए उधार दिए थे। इसी लेनदेन के चलते हुई कहासुनी के बाद विवाद बढ़ गया था। आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से सुनील पर हमला किया। सुनील को गंभीर हालत में जोधपुर और बाद में अहमदाबाद रेफर कर दिया गया था।