जयपुर : शहर में बुधवार देर रात एक लेपर्ड के खतरनाक हमले में पांच लोग बुरी तरह से घायल हो गए। हमला इतना भीषण था कि लेपर्ड एक व्यक्ति के हाथ की हडि्डयां तक चबा गया। गुससे और डर के कारण वह लगातार लोगों पर हमला करता रहा। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम को इसे काबू करने में करीब चार घंटे लग गए। वन विभाग की टीम ने बताया कि उन्हें बुधवार रात करीब तीन बजे जयपुर शहर के नजदीक चंदवाजी में लेपर्ड के घुसने की सूचना मिली थी। यहां एक के बाद एक उसने 5 लोगों को घायल कर दिया। करीब 4 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसे ट्रेंकुलाइज किया। पांच लोगों में से एक 10 साल का बच्चा है। घायलों को एसएमएस व प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि लेपर्ड ने सबसे पहले मोटूका बास ढाणी में जा घुसा। यहां एक परिवार पर हमला कर उसने मां-बाप के साथ सो रहे 10 साल के डेविड मीणा को अचेत कर दिया। बेटे को बचाने आई मां सजना देवी (38) और पिता रामफूल मीणा (44) पर भी हमला कर दिया। लेपर्ड ने बच्चे के पिता का हाथ बुरी तरह से चबा लिया और हडि्डयां तक निकाल दीं। मां के सिर और पीठ पर भी पंजा मार बुरी तरह से जख्मी कर दिया।
यूनिवर्सिटी में दो लोगों पर हमला
गांव के लोगों ने शोर मचाना शुरू किया तो वह सुबह करीब पांच बजे अपेक्स यूनिवर्सिटी में जा घुसा। यहां चौकीदार मुकेश मीणा (35) और एक अन्य व्यक्ति गोविंद कुमार (35) पर हमला कर दिया। इधर, लेपर्ड के गांव में घुसने की सूचना पर रात करीब साढ़े तीन बजे टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। सुबह करीब साढ़े सात बजे ट्रेंकुलाइज कर उसे बाहर निकाला गया।
पिंजरे में गुर्राता रहा
डॉक्टर अरविंद माथुर ने बताया कि सूचना मिलने के बाद टीम मौके पर पहुंच गई थी। यूनिवर्सिटी में कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था। ऐसे में लेपर्ड तीसरे फ्लोर पर बल्लियों के पीछे छिप गया था। ऐसे में उसके नीचे आने का इंतजार किया। नीचे आते ही ट्रेंकुलाइज किया गया। ऐसे में वह बेसमेंट में चल गया। यहां से रेस्क्यू कर नाहरगढ़ बायलॉजिकल पार्क में लाया गया है। उन्होंने बताया कि लेपर्ड भी घायल हुआ है। ऐसे में उसका इलाज करने के बाद जंगल में छोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया इस पूरे एरिया में करीब 14 लेपर्ड हैं। यहां पहले भी लेपर्ड के हमले हो चुके हैं।