भीनमाल : राजस्थान किसान संघर्ष समिति के बैनर लंबे समय से चल रही माही जलक्रांति यात्रा के समापन शुक्रवार को माघ चौक भीनमाल में हुआ। इस महासम्मेलन में हजारों किसानों ने एक साथ हुंकार भरी जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं व किसान एकत्रित हुए। गांवो से सुबह से ही किसान गाजे बाजे, मंगलगीत गाते हुए ट्रेक्टरों,बसों,मोटर साईकलों से महासम्मेलन में शरीक होने आ गए। सिरोही,बाड़मेर व जालौर की सभी तहसीलों से किसान जत्थे के रुप में कार्यक्रम में आए। इस महासम्मेलन में संयोजक विक्रम सिंह पूनासा ने कहा कि हमारी लड़ाई माही बेसिन का जल नहरों के जरिये सिचाई व पेयजल के लिए लाने की है जिसकी हुंकार आज हजारों की संख्या में आकर आप लोगो ने भरी है। अभी हमारी लड़ाई शुरू हुई है जो आगे जारी रहेगी। हमारा आंदोलन 13 वर्षो से चल रहा है और हमने 1500 किमी. की यात्रा करकर जनता को जागृत किया है।
मरुप्रदेश निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष जयवीर गोदारा ने अध्यक्षता की और कहा कि जिस दिन मरुप्रदेश बनेगा तो हमें हक के पानी के लिए भीख नही मांगनी पड़ेगी।हमारा मुकाबला दुबई के साथ होगा। गुजरात सरकार की वादाखिलाफी उनको महंगी पड़ेगी। इस बार के चुनावों में नेताओं के वोट की चोट मारोगे तो माही का पानी भी आएगा और यहां का किसान पंजाब-हरियाणा से खुशहाल भी होगा। मैं तो पिछले 15 वर्षों से पश्चिमी राजस्थान का अलग राज्य मरुप्रदेश का आंदोलन लड़ रहा हूँ। मरुप्रदेश के जिलों में जो भी समस्या होती है उनमें अग्रणी भूमिका निभाई है। हमारा संगठन इस आंदोलन में साथ खड़ा है और जब भी इस आंदोलन में सरकार से भिड़ने की बारी आई तो सबसे आगे की पंक्ति में खड़े मिलेंगे
अध्यक्ष बद्रीदान नरपुरा ने कहा कि राजस्थान व गुजरात सरकार के 1966 के समझौते का माही परियोजना प्रोजेक्ट आज भी दफ्तरों में घूम रहा है। हमें 28 टीएमसी पानी मिला हुआ है और प्रतिवर्ष औसत 127 टीएमसी पानी समुन्दर में जा रहा है। हमने उच्च न्यायालय में लड़ाई लड़कर राज्य सरकार से बजट घोषणा में डीपीआर बनवा ली अब चाहे सड़कों पर लड़ना पड़े या सुप्रीम कोर्ट जाना पड़े हम लड़ाई लड़ते रहेंगे। किसान नेता सुरेश व्यास ने कहा कि अगर माही का पानी आएगा तो सबसे खुशहाल इलाका हमारा होगा। इस मरुप्रदेश की प्यास सिर्फ माही के पानी से खत्म होगी।
युवा मोर्चा अध्यक्ष जयंतमूण्ड ने कहा कि राजस्थान में बाड़मेर जिला गरीबी में नम्बर एक है,सिरोही व जालोर सातवें व आठवे पायदान पर है। सरकारों की बदनीयती के कारण हमें हक के पानी के लिए लड़ना पड़ रहा है। सचिव गिमर सिंह कोट ने कहा कि हमने अभी गांव गांव में सदस्यता की है आगे उनकी कमेठीयां बनाएंगे और तीनों जिलों में धरातल पर संगठन को मजबूत करके इस बार के चुनावों में एक ही नारा होगा कि जो माही का पानी लाएगा वोट उसी को जाएगा।
सह संयोजक केशर सिंह राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य में राजनीतिक पर्यटन कर रही है लेकिन माही बेसिन के जल की बात नही कर रही। किसानों को एकसाथ होकर इसी तरह सभी राजनीतिक दलों पर दबाब बनाना होगा ताकि प्रमुखता से इस चुनाव में यह मुद्दा उठे।
इस महासम्मेलन में सयुंक्त व्यापार संघ अध्यक्ष नरेश अग्रवाल, हुकुम सिंह धानसा, रुपसिंह विशाला, मोडाराम देवासी, मांगीदान करमावास, करणा राम पंवार, डूंगर सिंह रमणिया,शेर सिंह दामण, पहाड़ सिंह सुराणा,सांवला राम बागावास नरता ठाकुर विक्रम सिंह सहित अनेकों ने अपनी बात रखी।