जयपुर। भारत सरकार से 9 बार पुरस्कृत प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अवाना ने एक नया कीर्तिमान हासिल किया है। 13 साल पहले प्रतिदिन कम से कम एक पड़े लगाने का संकल्प लेने वाले अवाना ने शुक्रवार 14 जुलाई को 300 पेड़ लगाए।
इसी के साथ अब तक पूरे एक लाख पेड़ लगाने का रिकॉर्ड उनके नाम हो गया। इस दौरान श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जेएस संधू, गौपालन विभाग के निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार, पशुपालक विभाग के उपनिदेशक डॉ. लाल सिंह, पशुपालन विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. राजेश मान, वर्ल्ड एग्रोफ़ोरेस्ट्री के स्टेट कॉर्डिनेटर डॉ. सत्य प्रकाश मेहरा, किसान रामेश्वर गोरा, जीवण राम गुर्जर और मंजू गियाड़ कई किसान मौजूद रहे।
राजस्थान के ट्री मैन कहे जाने वाले सुरेंद्र अवाना जुलाई 2010 से प्रतिदिन पौधे लगा रहे हैं। शुक्रवार को बीचून के पास भैराणा गांव स्थित रुद्र शिवम डेयरी अनुसंधान केन्द्र पर आंवला, नीम, लेसवा और अनार की विभिन्न किस्मों के 300 पौधे लगाए गए।
हर किस्म के फलदार और औषधीय पेड़ लगाए
प्रतिदिन पेड़ लगाने वाले सुरेन्द्र अवाना ने जयपुर शहर, भांकरोटा, रामचंद्रपुरा, बीचून, भैराणा, बोराज, महेशवास, उगरियावास और भन्दे बालाजी सहित कई स्थानों पर पेड़ लगाए। खासतौर पर सरकारी स्कूलों में पौधे लगाए और स्कूली बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया। भैराणा स्थित रुद्र शिवम डेयरी अनुसंधान केन्द्र पर सभी प्रकार के फलदार और औषधीय पौधों की विभिन्न प्रजातियों के पेड़ लगाए हुए हैं।
इनमें नीम, सेब, आम, अमरूद, पपीता, बील, सीताफल, चीकू, संतरा, लीची, आंवला, अंगूर, शहतूत, गूलर, जामुन, इमली, लेसवा, अनार जैसे फलदार पेड़ शामिल हैं। साथ ही अमलतास, अशोक, अर्जुन, गूंगा, कचनार, नीलगिरी, पलाश, तुलसी, ब्राह्मी, हल्दी, सहजना और मैथी सहित कई औषधीय पौधे भी लगाए हुए हैं। इनके साथ खेजड़ी, पीपल और बरगद के भी कई पेड़ लगे हैं।
ऊंटनी के दूध की कुल्फी लांच
पिछले महीने 22 जून को दो दिन की ट्रेनिंग के बाद राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र बीकानेर ने प्रगतिशील किसान अवाना को ऊंटनी के दूध से विभिन्न उत्पाद बनाने का सर्टिफिकेट प्रदान किया। अवाना ने अब कुल्फी का उत्पादन शुरू कर दिया है। शुक्रवार 14 जुलाई को पहली बार ऊंटनी के दूध से बनी कुल्फी को श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर जेएस संधु, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक लाल सिंह, पूर्व निदेशक, डॉ. राजेश मान सहित कई किसान मौजूद रहे।
औषधीय गुणों से भरपूर है ऊंटनी के दूध की कुल्फी
श्री कर्ण नरेन्द्र सिंह कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के पूर्व कुलपति प्रो. जेएस संधू ने बताया कि ऊंटनी के दूध से बने उत्पाद हमारे शरीर के लिए बेहद गुणकारी है। डायबिटीज सहित कई तरह की बीमारियों के निदान के लिए ऊंट का दूध कारगर होता है। संधू ने कहा कि प्रदेश में ऊंटों की संख्या काफी कम है। ऐसे में ऊंटनी का दूध काफी कम मात्रा में उपलब्ध हो पाता है। यह अच्छी बात है कि जयपुर शहर के आस पास के गांवों में कुछ किसानों के पास ऊंट हैं। अब ऊंटनी के दूध से कुल्फी सहित विभिन्न उत्पाद बनने लगेंगे तो ऊंट पालने वाले पशुपालकों को भी फायदा होगा। पशुपालक दूध की बिक्री अच्छे दामों कर सकेंगे। संधू ने कहा कि ऊंटनी के दूध से बनी कुल्फी स्वादिष्ट होने के साथ हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी है।