जयपुर: पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट दो दिन का टोंक दौरा बीच में छोड़कर आज सुबह दिल्ली पहुंच गए। सचिन पायलट दिल्ली से सड़क मार्ग से सीतापुर जा रहे हैं। पायलट दिल्ली एयरपोर्ट से कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम के साथ सीतापुर रवाना हो गए। दोनों नेता गाजीपुर बॉर्डर होते हुए सीतापुर जा रहे हैं। आचार्य प्रमाेद कृष्णम प्रियंका गांधी के नजदीकी होने के साथ सचिन पायलट के मुखर समर्थक हैं।
लखीमपुरखीरी जाने वाले 5 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में पहले सचिन पायलट राहुल गांधी के साथ थे। धारा 144 के कारण राहुल गांधी केवल पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल को साथ ले जा रहे हैं। ऐनवक्त पर हुए इस बदलाव के कारण सचिन पायलट अब सड़क मार्ग से सीतापुर जा रहे हैं।
टोंक का दौरा सचिन पायलट का कल और आज था। पायलट को AICC मुख्यालय से मैसेज मिलने के बाद देर रात को ही दौरा बीच में छोड़कर जयपुर आ गए। वहां से पायलट सुबह फ्लाइट से दिल्ली चले गए। पायलट को लखीमपुरखीरी जोन वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने ही फोन करके दिल्ली बुलाया गया था। लेकिन राहुल गांधी ने सुबह रणनीति में बदलाव कर दिया, पांच नेताओं की जगह तीन नेताओं का जाना तय हुआ। अभी तक यूपी सरकार ने कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को लखीमपुरखीरी जाने की अनुमति नहीं दी है।
सचिन पायलट सड़क मार्ग से सीतापुर के लिए रवाना हुए हैं। प्रियंका गांधी को सीतापुर में अस्थायी जेल में रखा गया है। धारा 144 में पांच या इससे ज्यादा लोगों को अनुमति नहीं दी जाती है। अब रणनीति के तहत सचिन पायलट अलग रवाना हुए हैं। राहुल गांधी पंजाब और छत्तीसगढ सीएम के साथ जा रहे हैं। कांग्रेस नेताओं को सीतापुर और लखीमपुरखीरी जाने की इजाजत मिलने की संभावना कम बताई जा रही है।
सचिन पायलट को पहले लखीमपुरखीरी जाने वाले प्रतिनधिमंडल में शामिल करने के सियासी मायने हैं। अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव हैं, उन चुनावों में पायलट को स्टार प्रचारक के तौर पर पार्टी के प्रचार की जिम्मेदारी मिलना तय है। सचिन पायलट को राष्ट्रीय मुद्दों को उठाने के लिए पहले भी जिम्मेदारी मिलती रही है, दो दिन पहले मुंद्रा पोर्ट पर ड्रग मामले में पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। अब यूपी में किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस आक्रामक रुख अपनाएगी।