जयपुर। प्रदेश के जाने माने लोक कला फड़ मर्मज्ञ संगमानंद ने मुख्य मंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान युवा बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम लम्बा को पत्र लिखकर बताया की सात सौ साल पुरानी लुप्त प्राय फड़ लोक कला कपडे पर ही बनाई जाती है जिसके सानिध्य में लोक कलाकार भोपा भोपी अपने लोक वाधों के साथ लोक देवी देवताओं की अमर गाथा नृत्यमय होकर मायड़ भाषा में प्रस्तुत करते है।
भोपा गायक जब लोक देवता तथा पाबुजी की कथाएं सुनाते है तब यह कलाकृतियां उनके पीछे लगी होती थीं। इसे केनवास पर बनाना उचित नहीं है। संगमानन्द ने बताया की हाल ही एसएमएस स्टेडियम में आयोजित फड़ पेंटिंग प्रतियोगिता में फड़ आर्टिस्ट को केनवास पर फड़ उकेरने की इजाजत दी गई जो किसी भी स्थिति में सही नहीं है। संगमनंद ने स्टेडियम में फड़ आर्टिस्ट और इंडिया बुक रिकार्डधारी किरण की कपडे पर छोटी छोटी उकेरी फड़ कला को दिखाया। संगमानन्द ने फड़ की फजीहत को तुरंत रोकने की मांग की है।