CM ने ली आला पुलिस अफसरों की क्लास, बोले-अपराधी किस्म के लोग अवैध नाके लगा कर रहे हैं वसूली, पुलिस कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान

CM ने ली आला पुलिस अफसरों की क्लास, बोले-अपराधी किस्म के लोग अवैध नाके लगा कर रहे हैं वसूली, पुलिस कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस अफसरों की क्लास लेते कहा कि कई जगह अपराधी किस्म के लोगों द्वारा अवैध नाके लगाकर वसूली करने की शिकायतें आई हैं, यह काफी गंभीर है और इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगे हैं। उन्होंने बजरी एवं अवैध खनन के मामलों में पुलिस की और सक्रियता की आवश्यकता जताई।
गहलोत आज मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पुलिस महानिरीक्षकों एवं जिला पुलिस अधीक्षकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने निर्देश दिए कि संवेदनशील मामलों में मीडिया को वास्तविक स्थिति से तुरंत अवगत कराएं, ताकि अफवाहों से कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं बिगडे़। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में पश्चिमी राजस्थान में क्रूड ऑयल निकलने, रिफाइनरी, सोलर पावर प्लांट तथा विंड एनर्जी इकाइयों की स्थापना के कारण औद्योगिक गतिविधियां काफी बढ़ी हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में उद्यमियों को किसी तरह की परेशानी नहीं आए, इसके लिए माफिया एवं आपराधिक घटनाओं पर विशेष नजर रखी जाए। पुलिस अधिकारी उद्यमियों के साथ बैठक कर कानून-व्यवस्था से संबंधित उनकी समस्याओं की जानकारी लेते रहें।

गहलोत ने कहा कि एसपी एवं एएसपी स्तर के अधिकारी नियमित रात्रि गश्त करें। गंभीर अपराधों के मामले में उच्च स्तर के अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर उचित तफ्तीश सुनिश्चित करें। उन्होंने पुलिस में टीम भावना कायम करने एवं सिपाहियों का मनोबल बढ़ाने के लिए पुलिस अधीक्षकों को पुलिस लाइन की परेड में शामिल होने के निर्देश दिए। साथ ही पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस मुख्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिये गए निर्देशों की त्वरित पालना सुनिश्चित करने को कहा।

उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्य प्रणाली के बारे में आम जन की धारणा को बदलने और पुलिस का इकबाल कायम करने में जिला पुलिस अधीक्षकों की भूमिका काफी अहम है। निचले स्तर तक कानून व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ बनाने में एसपी अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करें। जिलों में थाने एवं चौकी स्तर तक मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए और प्रो-एक्टिव पुलिसिंग से प्रभावी अपराध नियंत्रण हो। उन्होंने ठगी, ड्रग्स एवं नशीली दवाइयों के अवैध कारोबार, राजमार्गों पर बढ़ रहे अपराध तथा विभिन्न गिरोहों द्वारा किए जा रहे संगठित अपराधों के मामलों में भी प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि पुलिस अधीक्षक संगठित अपराधों पर नियंत्रण के लिए तैयार एसओपी की पालना के साथ ही अपने क्षेत्र में भगोड़ा घोषित अपराधियों की संपत्ति की कुर्की एवं जब्ती की कार्यवाही करें।
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने महिलाओं के प्रति अपराधों के प्रकरणों में गंभीर एवं प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए।
पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने अग्रेसिव पुलिसिंग पर जोर दिया। उन्होंने राजकीय कर्मचारियों पर हमले एवं राजकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही करने, संगठित अपराधों में शामिल गिरोहों की पहचान करने तथा अपराधियों के साथ पुलिस के गठजोड़ की शिकायत पर संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

डीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा, एडीजी अपराध आरपी मेहरड़ा, एडीजी कानून व्यवस्था हवासिंह घुमरिया, एडीजी सिविल राइट्स श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव एवं अन्य अधिकारियों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अभय कुमार एवं एडीजी एसओजी अशोक राठौड़ उपस्थित थे। जयपुर एवं जोधपुर पुलिस कमिश्नर, विभिन्न रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय के अधिकारी, सभी जिलों के एसपी, एएसपी एवं अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी वीसी से जुडे़। दो दिवसीय यह बैठक गुरूवार को भी जारी रहेगी।

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