जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत(CM Ashok Gehlot) ने कहा है कि शहरों के साथ-साथ कोरोना संक्रमण गांवों में भी बड़ी तेजी से फैल रहा है। इसके प्रसार को रोकने और संक्रमितों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में हैल्थ मशीनरी को पूूरी तरह एक्टिव किया जाए। साथ ही लोगों को जागरूक करने और अन्य व्यवस्थाओं के लिए राज्य सरकार के सभी कार्मिकों और पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि गांवों में संक्रमण इसी तरह बढ़ा, तो इसे नियंत्रित करना बेहद मुश्किल होगा।
जीवन रक्षा के लिए डोर-टू-डोर सर्वे और दवा किट का वितरण
सीएम गहलोत(CM Ashok Gehlot) शनिवार रात को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड संक्रमण, लॉकडाउन तथा संसाधनों की उपलब्धता सहित अन्य संबंधित विषयों पर उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों से लोगों को शहर में इलाज के लिए पहुंचते-पहुंचते काफी देर हो जाती है और संक्रमण का स्तर बहुत ज्यादा होने से रोगी को खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में, लोगों की जीवन रक्षा के लिए डोर-टू-डोर सर्वे और दवा किट के वितरण के काम को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया जाए। इससे लक्षण वाले रोगियों की समय पर जांच हो सकेगी और उन्हें संक्रमण के प्राथमिक स्तर पर ही दवा मिल जाने से जीवन बचाना आसान होगा।
गांवों से लोगों को शहर में इलाज के लिए पहुंचते-पहुंचते काफी देर हो जाती है और संक्रमण का स्तर बहुत ज्यादा होने से रोगी को खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में, लोगों की जीवन रक्षा के लिए डोर-टू-डोर सर्वे और दवा किट के वितरण के काम को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया जाए।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 8, 2021
तीसरी लहर की आशंका, बच्चों के उपचार की व्यवस्था पुख्ता करें
गहलोत ने कहा कि दूसरी लहर के साथ-साथ विशेषज्ञ तीसरी लहर की भी आशंका जता रहे हैं। उनके अनुसार तीसरी लहर और अधिक घातक हो सकती है और बच्चों में इसका अधिक प्रसार होने की आशंका जताई जा रही है। इसे देखते हुए बच्चों के अस्पतालों में उपचार की व्यवस्थाएं पुख्ता की जाएं। इन अस्पतालों में गहन चिकित्सा सुविधाओं एनआईसीयू और पीआईसीयू आदि को मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना रोग के इलाज में जीनोम सिक्वेंसिंग का विशेष महत्व है। चिकित्सा विशेषज्ञ वायरस की प्रकृति का समुचित अध्ययन करें, ताकि उसके अनुरूप बचाव के तमाम प्रयास अमल में लाए जा सकें।
नोडल अधिकारियों के लिए जारी हो कॉमन गाइडलाइन
मुख्यमंत्री(CM Ashok Gehlot) ने कहा कि जिन जिलों में संक्रमण के कारण ज्यादा मौत हो रही हैं, वहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भेजकर ऑडिट करवाया जाए। ये विशेषज्ञ स्थानीय चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को उपचार को लेकर आवश्यक सलाह और सुझाव भी दें, ताकि मौतों की संख्या को न्यूनतम किया जा सके। गहलोत ने कहा कि पल्स ऑक्सीमीटर की गुणवत्ता को लेकर भी शिकायतें मिल रही हैं। चिकित्सा विभाग इसकी जांच कराए और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में रोगियों के बेहतर उपचार के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों के लिए राज्य स्तर से कॉमन गाइडलाइन जारी की जाए और उनके काम की सतत मॉनिटरिंग भी की जाए।
वैक्सीन के आयात के विकल्प पर भी करें विचार
गहलोत ने कहा कि संक्रमण पर नियंत्रण और जीवन रक्षा के लिए वैक्सीनेशन को गति देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वैक्सीन की उपलब्धता के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जाए। प्रदेशवासियों को जल्द से जल्द वैक्सीनेट करने के लिए यदि आवश्यकता है, तो राज्य सरकार विदेशों से आयात पर भी विचार करेगी। उन्होंने ग्रामीण लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।
वैक्सीन अभियान
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में वैक्सीन अभियान को गति देने के लिए इसके आयात पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बच्चों के अस्पतालों में भी ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाने का सुझाव दिया।