878 करोड़ रु. आरक्षित राशि के 42 रॉयल्टी ठेकों की ई-नीलामी 12 जुलाई से-एसीएस वीनू गुप्ता

878 करोड़ रु. आरक्षित राशि के 42 रॉयल्टी ठेकों की ई-नीलामी 12 जुलाई से-एसीएस वीनू गुप्ता

जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं उद्योग वीनू गुप्ता ने बताया है कि राज्य सरकार ने खनन पट्टों से निकलने वाले खनिज पर देय राजस्व की वसूली के लिए 19 जिलों के 42 रॉयल्टी ठेकों की ई-प्लेटफार्म पर नीलामी प्रकिया शुरु कर दी गई है। उन्होंने बताया कि 39 रायल्टी नाकों की ऑनलाईन नीलामी भारत सरकार के ई-पोर्टल पर 12, 13 और 14 जुलाई व तीन ठेकों की नीलामी 4 अगस्त को होगी। ई-नीलामी की विस्तृत जानकारी विभागीय वेबसाइट व भारत सरकार के पोर्टल पर देखी जा सकती है।

एसीएस माइंस वीनू गुप्ता ने सचिवालय में निदेशक माइंस संदेश नायक व उपसचिव नीतू बारुपाल के साथ मेजर व माइनिंग ब्लॉकों के नीलामी की तैयारी पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 142 माइनर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया शुरु कर दी हैं वहीं मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी की जा रही है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा नीलामी के लिए नए ब्लॉक भी तैयार किए जा रहे हैं।

एसीएस माइंस वीनू गुप्ता ने बताया कि माइंस विभाग द्वारा जारी खनन पट्टों से निकाले जाने वाले खनिज पर वसूल किए जाने वाले रॉयल्टी कलेक्शन कॉन्ट्रेक्ट (आरसीसी), एक्सेस रॉयल्टी कलेक्शन कॉन्ट्रेक्ट (ईआरसीसी), जिला स्तरीय मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी), राज्य स्तरीय मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (आरएसएमईटी) आदि के लिए दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 878 करोड़ रुपए से अधिक की आरक्षित राशि के इन ठेकों की ई-नीलामी सूूचना 4 जुलाई को जारी कर दी गई है। आरसीसी, ईआरसीसी, डीएमएफटी और आरएसएमईटी वसूली के यह ठेकें विभिन्न जिलों में खनि अभियंताओं, सहायक खनि अभियंताओं के क्षेत्राधिकार की खानों से राजस्व वसूली से संबंधित हैं। इनमें जयपुर, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, सिरोही, नागौर, भीलवाड़ा, पाली, भरतपुर, झुन्झुनू, जैसलमेर, करौली, बूंदी, चित्तोडगढ़, दौसा, अलवर, राजसमंद, झालावाड व बारां जिले में स्थित खननपट्टों, क्वारी लाईसेंसों, व परमिट क्षेत्रों में विभिन्न खनिजों की रॉयल्टी आदि वसूली से संबंधित हैं।

एसीएस वीनू गुप्ता ने बताया कि यह ठेके मुख्यतः माइनर मिनरल्स ग्र्रेनाइट, जिप्सम, मारबल, मेसेनरी स्टोन, क्वार्टज, फैल्सपार, केलस्टाइन, सोपस्टोन, सिलिकासेंड, डायमेंशनल लाईम स्टोन(बर्निंग) आदि की खानों से आरसीसी, ईआरसीसी, डीएमएफटी, आरएसएमईटी आदि के शुल्क, अधिशुल्क वसूली के लिए दिए जा रहे हैं। ई-प्लेटफार्म पर पारदर्शी व्यवस्था से नीलामी से स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा होने के साथ ही राजस्व वृद्धि की भी संभावना हो जाती है। नीलामी के बाद ठेका किसी अन्य को हस्तांतरण, सबलेट तथा सरेण्डर नहीं किया जा सकेगा।

ACS वीनू गुप्ता ने बताया कि देश-दुनियां में कहीं से भी कोई भी व्यक्ति इस ई-नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा ले सके इसके लिए माइंस विभाग ने ई-ऑक्शन की पारदर्शी व्यवस्था से राज्य के 42 रॉयल्टी ठेकों की ई-नीलामी के लिए विभागीय वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी के साथ ही भारत सरकार द्वारा खनिजों के नीलामी के ऑनलाईन एमएसटीसी पोर्टल पर ई-नीलामी की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। ई-ऑक्शन में हिस्सा लेने वाले इच्छुक व्यक्तियों को भारत सरकार के पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा वहीं पहले से पंजीकृत व्यक्ति, फर्म या कंपनी को दुबारा पंजीयन की आवश्यकता नहीं होगी।

माइंस निदेशक संदेश नायक ने बताया कि 878 करोड़ 50 लाख रु. से अधिक की आरक्षित राशि के इन रॉयल्टी ठेकों की ई-नीलामी 12, 13 व 14 जुलाई रखी गई है। तीन रॉयल्टी ठेकोें की नीलामी 4 अगस्त को की जाएगी। उन्होंने बताया कि विस्तृत जानकारी, ठेकों से संबंधित शर्तें, नियम, प्रक्रिया आदि विभागीय वेबसाइट व भारत सरकार के पोर्टल पर भी देखी जा सकती है। ठेकों की नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए ही विभाग ने भारत सरकार के पोर्टल के माध्यम से नीलामी की व्यवस्था की है।

निदेशक नायक ने बताया कि दस करोड़ रु. से अधिक की बिड राशि के ठेकों मेें ठेकेदार को स्वयं के खर्चें पर कम्प्यूटराइज्ड तुला यंत्र यानी की कम्प्यूटरीकृत तुलाई मशीन लगानी होगा। इस अवसर पर उप सचिव नीतू बारुपाल और अतिरिक्त निदेशक माइंस हर्ष सावन सुखा ने भी प्रगति से अवगत कराया।

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