कोटा। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने माइंस विभाग के कोटा वृत में बेशकीमती खनिजों का अथाह भण्डार होने की चर्चा करते हुए खनिज खोज और खनन कार्य मेें गति लाने के निर्देश दिए हैं। कोटा वृत के करौली के सपोटरा के पास पोटाश के भण्डार खोजे गए है। उन्होंने कहा कि पोटाश के क्षेत्र में देश पूरी तरह से आयात पर निर्भर है ऐसे में पोटाश खनन के कंपोजिट लाइसेंस के कार्य में तेजी लाई जाए। उन्होंने दौसा में कॉपर व गोल्ड के भण्डार की भी चर्चा की और इसके खोज कार्य को गति देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हाल ही समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में माइंस विभाग द्वारा खनिज खोज से लेकर खनन प्लाटों की नीलामी, वैध खनन, अवैध खनन गतिविधियों पर प्रभावी रोक और राजस्व अर्जन में नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. अग्रवाल शुक्रवार को कोटा के खनिज भवन में वृत के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि अवैध खनन पर कारगर रोक लगाने के साथ ही नए खनन प्लाटों का डेलिनियेशन और उनकी नीलामी के कार्य में गति लानी होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का खनिज खोज व खनन पर जोर रहा है ऐसे में खनिज विभाग को मेजर और माइनर खनिजों के खोज व खनन कार्य में तेजी लाने के साथ ही अवैध खनन गतिविधियों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण के विरुद्ध समूचे प्रदेश में 15 मई से एक माह का अभियान चलाया जाएगा। इसमें पुलिस, राजस्व, वन माइंस और परिवहन विभाग का संयुक्त दल बनाया गया है। उन्होंने अभियान को सफल बनाने मेें जुट जाने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने अप्रधान खनिजों के नये प्लॉट डेलिनियेशन, राजस्व अर्जन तथा खनिज खोज के लिये निर्देश प्रदान किये गये।
अतिरिक्त निदेशक कोटा जोन महावीर प्रसाद मीणा ने बताया कि कोटा में लक्ष्य के विरुद्ध 104 प्रतिशत राजस्व अर्जित कर राजस्व अर्जन का नया रिकार्ड बनाया गया है। उन्होंने खान एवं भूविज्ञान विभाग की कोटा विंग द्वारा किये गये कार्यो की प्रगति, प्रधान खनिज आयरन ओर, पोटाश डिपोजिट करौली, कॉपर एवं गोल्ड डिपोजिट दौसा एवं रामगढ़ क्रेटर, बांरा की विस्तार से जानकारी दी। बैठक में अतिरिक्त निदेशक (खान) एम.पी.मीणा, अतिरिक्त निदेशक (भूविज्ञान) राजकुमार शर्मा, अधीक्षण भूवैज्ञानिक जी.एस.शेखावत, खनि अभियंता सतर्कता, ललित बाछरा, खनि अभियंता रामगजमंडी देवीलाल बंशीवाल, खनि अभियंता बून्दी पी.एल.सरोया, वरिष्ठ भूवैज्ञानिक करौली ए.पी. सिंह, वरिष्ठ भूवैज्ञानिक कोटा मोहन लाल कुमावत, भूवैज्ञानिक अंकित सोनी अजीत कुमार चौधरी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।