कोविड से अनाथ हुए बच्चों को संबल प्रदान करने को लेकर डॉ. किरोड़ी बैठे धरने पर

Dr.Kirodi sitting on protest to provide support to children orphaned by covid

सवाईमाधोपुर। भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा कोविड के दौरान अनाथ हुए बच्चो को अविलम्ब विशेष आर्थिक सहयोग तथा जिले की कानून व्यवस्था को लेकर आज धरने पर बैठ गए और कहा, मांगे नहीं मानी गई तो वे जयपुर में धरना देंगे। उनके साथ कुछ अनाथ बच्चे व महिलाएं भी धरने पर बैठे।

डॉ. किरोड़ीलाल ने केंद्र की मोदी सरकार तथा अन्य राज्य सरकारों की ओर से अनाथ बच्चों को संबल प्रदान करने के उठाये कदमों के जिक्र करते हुए कहा कि राज्य की गहलोत सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए ताकि अनाथ हुए बच्चों को एहसास नहीं हो। इस विपदा काल में राज्य सरकार माता पिता की भूमिका निभाएं तथा अनाथ हुए सभी बच्चों की पढ़ाई लिखाई भोजन एवं आर्थिक सुरक्षा देने का काम करें।

अनाथ बच्चे को 100000 रुपये की राशि एकमुश्त दे सरकार

राज्य में 411 बच्चों का अनाथ होना सामने आया ऐसे बच्चों को दर-दर की ठोकरे खाने के लिए नहीं छोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें प्रत्येक अनाथ बच्चे को 100000 रुपये की राशि एकमुश्त उपलब्ध करवाने, 7000 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता,निशुल्क राशन एवं उच्च शिक्षा, ऐसे बच्चों जो नौवीं से 12वीं कक्षा में निजी स्कूल में पढ़ते हैं

तो उन्हें साल में एकमुश्त 25000 रुपये की सहायता, जेईई मेंस परीक्षा या इस प्रकार की अन्य परीक्षा द्वारा निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश पाते हैं तो उन्हें ढाई लाख रुपए तक का शुल्क राज्य सरकार द्वारा वहन करने,नीट परीक्षा से प्रवेश कर सरकारी एवं निजी मेडिकल कॉलेजों का पूरा शुल्क राज्य सरकार वहन करें, कॉमन लॉ ऐडमिशन टेस्ट के द्वारा राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा में या दिल्ली विश्वविद्यालय में 12वीं कक्षा के बाद होने वाले एडमिशन कॉलेजों का शुल्क, लैपटॉप पर टेबलेट की आवश्यकता होने पर इसकी भी व्यवस्था सरकार करें।

अन्य अभिभावक विहीन बच्चों की पहचान करें

उन्होंने ज्ञापन में यह भी बताया कि अकेले सवाई माधोपुर जिले में 28 मई 2021 तक राज्य सरकार के सर्वे के अनुसार 12, दौसा में 32, करौली में 12 बच्चे अनाथ हुए ,लेकिन प्रशासन ने खाने तक की व्यवस्था नहीं की। सवाई माधोपुर के जीनापुर गांव में 11 वर्षीय राहुल और 9 वर्षीय उसकी बहन राखी भूखे सोने को मजबूर हैं। इन बच्चों के पास सिर छुपाने के लिए मकान भी नहीं है। उन्होंने कोविड के अतिरिक्त अन्य कारणों से माता-पिता या अभिभावक विहीन बच्चों की पहचान कर उनके आवास भोजन एवं पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की। डॉ. किरोड़ीलाल ने चेतावनी दी कि प्रदेश के अनाथ बच्चो के आर्थिक सहयोग के बारे में तुरन्त निर्णय नही लिया तो प्रदेश के अनाथ बच्चो को न्याय दिलाने के लिए वे जयपुर में धरना देंगे।

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