बजरी माफिया से मिलीभगत के आरोप में एपीओ RPS विजय सेहरा को मिली जमानत

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जयपुर : बजरी माफिया से मिलीभगत के आरोप में गिरफ्तार हुए दूदू के तत्कालीन RPS विजय सेहरा को राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। मजिस्ट्रेट नरेंद्र सिंह ने तत्कालीन RPS आरोपी विजय सेहरा की याचिका को स्वीकार कर जमानत दी। एसओजी ने तीन नवम्बर छोटी दीपावली के दिन दूदू के RPS विजय सेहरा को बजरी माफियाओं से मिलीभगत करने और उनकी गाड़ियों को पास कराने के मामले में गिरफ्तार किया था।

मामले की जांच चल रही है फिलहाल

जमानत याचिका में एडवोकेट रजनीश गुप्ता ने कोर्ट में कहा कि विजय सेहरा को राजनीतिक द्वेष के कारण फंसाया गया है। एफआईआर में भी विजय सेहरा का नाम नही है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि उन्हें पहले ही एपीओ कर दिया था और अब उनसे कोई पूछताछ शेष नही है। उन्होंने जमानत पर रिहा करने की बात कहीं। सरकारी वकील ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि बजरी माफियाओं से मिलीभगत कर लाखों रुपए की वसूली की है। दलालों के जरिए बजरी वालों से प्रति गाड़ी रुपए वसूले जाते थे। अभी मामले की जांच की जा रही है। इन्हें जमानत पर छोड़ा ताे सबूतों से छेड़छाड़ व गवाहों को प्रभावित कर सकते है।

यह था मामला

27 मई को जयपुर ग्रामीणा के फागी थाने में बजरी के अवैध डंपरों को पुलिस ने सीज किया था। पुलिस ने ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया था। ड्राइवर ने पूछताछ में बताया था कि दूद सीओ विजय सेहरा को प्रति डंपर 3 हजार रुपए की बंधी दी जाती है। बजरी के डंपर को जयपुर में लाने से पहले वाट्सऐप से दूद सीओ को भेजते थे। तब डंपर को कोई कार्रवाई नहीं करती है। बजरी माफिया से मिलीभगत का खुलासा होने के बाद कई पुलिसकर्मियों को एपीओ ककिया गया। एसपी शंकरदत्त शर्मा ने फागी एसएचओ हरिमोहन, माधोराजपुरा चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया। जांच में सामने आया कि आरपीएस विजय सेहरा ड्राइवर से बजरी के लिए 11 लाख रुपए ले चुका था। जांच एसओजी को दी गई थी।

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