गोरखपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोरखपुर की गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम के दौरान उनके साथ सीएम योगी और यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद रहीं। समापन समारोह के अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ‘गीता प्रेस एक संस्था नहीं जीवंत आस्था है, करोड़ों लोगों के लिए मंदिर से कम नहीं’। इसके नाम और काम में भी गीता है। जहां गीता है वहां साक्षात् कृष्ण भी हैं। वहां करुणा है, ज्ञान भी है। वहां विज्ञान का शोध भी है। यहां सब वासुदेवमय है।”
पीएम मोदी ने क्या कहा
पीएम मोदी ने कहा, “सावन का पवित्र माह, इंद्र देव का आशीर्वाद, संतों की कर्मस्थली… ये गोरखपुर की गीता प्रेस। जब संतों का आशीर्वाद भलिभूत होता है। तब ऐसे संस्थान बनते हैं। मुझे भी चित्रमय और नेपाली भाषा के शिव पुराण का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा,”गीता प्रेस विश्व का इकलौता ऐसा संस्थान है, जो एक जीवन आस्था है। करोड़ों लोगों के लिए ये संस्थान किसी मंदिर से कम नहीं। इसके काम और नाम में गीता है। जहां गीता है, वहां कृष्ण है। वहां करुणा है, ज्ञान भी है। वहां विज्ञान का शोध भी है।”
100 वर्ष का सफर
पीएम ने कहा,”गीता प्रेस भारत को जोड़ती है। देशभर में इसकी 20 शाखाएं हैं। देशभर के हर रेलवे स्टेशन पर गीता प्रेस का स्टॉल देखने को मिलता है। 1600 प्रकाशन होते हैं। गीता प्रेस 1 भारत श्रेष्ठ भारत को, प्रतिनिधित्व देती है। गीता प्रेस ने 100 वर्ष का सफर ऐसे समय में पूरा किया है। जब देश आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहा है।”
गांधी जी के सुझाव का शत प्रतिशत अनुसरण
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारी सरकार ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरुस्कार भी दिया है। गांधी जी का गीता प्रेस से भावनात्मक जुड़ाव था। एक समय में गांधी जी कल्याण पत्रिका के माध्यम से गीता प्रेस के लिए लिखा करते थे। मुझे बताया गया कि गांधी जी ने ही सुझाव दिया था कि कल्याण पत्रिका में विज्ञापन न छापे जाएं। कल्याण पत्रिका आज भी गांधी जी के सुझाव का शत प्रतिशत अनुसरण कर रही है।’
गीता प्रेस के इस कार्यक्रम के बाद मैं गोरखपुर रेलवे स्टेशन जाऊंगा। आज से ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण का काम भी शुरू होने जा रहा है। वंदे भारत ट्रेन ने देश के मध्यम वर्ग को सुविधा और सहुलियत की एक नई उड़ान दी है।