नई दिल्ली : रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से नाराज यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने मंगल मिशन से रूसी स्पेस एजेंसी को बाहर कर दिया है। अब इस मिशन में रूस के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की कोई मदद नहीं ली जाएगी। यह मिशन करीब 8433 करोड़ रुपये का है। जिसमें यूरोपीय देशों के साथ-साथ रूस भी शामिल था। ESA और रूसी स्पेस एजेंसी एक्सोमार्स मिशन को सितंबर में लॉन्च करने वाले थे।
ESA के डायरेक्टर जनरल जोसेफ एशबैशर ने कहा कि एक्सोमार्स एक रोवर है, जिसे मंगल ग्रह पर भेजकर वहां के ऐतिहासिक और प्राचीन वातावरण की जांच की जानी थी, ताकि जीवन की उत्पत्ति और सबूतों को खोजा जा सके। साथ ही भविष्य में जीवन की संभावनाओं पर स्टडी की जा सके। जोसेफ ने कहा कि अब लॉन्चिंग में समय लगेगा। क्योंकि वर्तमान स्थितियां ठीक नहीं है। यूरोपीय देशों ने इस मिशन से रूस को बाहर कर दिया है। अब इस रोवर की लॉन्चिंग को लेकर फिर से योजना बनाई जाएगी। उसके हिसाब से तैयारी होगी।
रोवर बनाया था ESA ने, लॉन्च होना था रूसी रॉकेट से
एक्सोमार्स का नाम रोसैलिंड फ्रैंकलिन रखा गया है। इसकी असेंबली यूके में हो रही है। जिसे रूसी रॉकेट पर लॉन्च किया जाना था। जिसे जर्मनी के स्पेसक्राफ्ट में सेट करके रॉकेट में लगाकर लॉन्च किया जाता। इस फैसले से यूरोपियन स्पेस एजेंसी को तगड़ा झटका लगा है। लेकिन रूस को ज्यादा नुकसान हुआ है। अभी की स्थितियों को देखते हुए इस मिशन के लिए अगला लॉन्च विंडो साल 2024 है।