नई दिल्ली। राजस्थान से राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी बुधवार को राज्यसभा में जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक 2023 पर चर्चा एवं विचारण के दौरान चर्चा में भाग लिया। इससे पूर्व राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी द्वारा वन (संशोधन) विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान राज्यसभा की अध्यक्षता भी की गयी।
तिवाड़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लाया गया यह बिल अपने आप में क्रांतिकारी और एतिहासिक बिल होगा। तिवाड़ी ने अपनी बात शास्त्रों की एक सूक्ति से आरम्भ की। उन्होंने इस विधेयक के सम्बंध में कहा कि सरकार द्वारा प्रस्तुत किया यह बिल “न राज्यं न च राजासीत्, न दण्डो न च दाण्डिकः। धर्मेण प्रजाः सर्वा, रक्षन्ति स्म परस्परम् ॥” की भाँति है, अर्थात् प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में प्रस्तुत यह बिल जनता और सरकार के बीच विश्वास बढ़ाने का कार्य करेगा।
तिवाड़ी ने कहा कि 1980 से वे संसदीय लोकतंत्र के अध्ययन के छात्र रहे हैं, और ऐसा बिल आज तक लोकतंत्र के इतिहास में नहीं आया है। इस बिल के द्वारा 19 प्रशासनिक संस्थाओं के 42 क़ानूनों में 183 संशोधन होंगे। तिवाड़ी ने देश में 2 प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और अटल बिहारी वाजपेयी के बाद नरेंद्र मोदी को तीसरे ऐसा प्रधानमंत्री बताया जो तीसरी बार इस पद पर विराजमान होंगे साथ ही सबसे लम्बे कार्यकाल तक प्रधानमंत्री के पद पर रहेंगे।
तिवाड़ी ने बताया कि देश में लगभग 4 करोड़ 30 लाख मामलों में से 2 करोड़ ही आपराधिक मामले बताए शेष आपराधिक नहीं होते हुए भी इस श्रेणी में रखा गया है। इस संशोधन विधेयक के माध्यम से ऐसे मामले, जो आपराधिक प्रकृति के नहीं है, के निस्तारण हो सकेगा।
तिवाड़ी ने प्रधानमंत्री मोदी जी के बारे में एक सूक्ति के माध्यम से कहा कि “विक्रमाजिर्तस्त्वस्य स्वयमेव नरेंद्रता” अर्थात् जो विक्रमदित्य की तरह कार्य करता है, वह नरेंद्र है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा कार्य करते हैं, जिससे जनता और सरकार का विश्वास बढ़े।