पेट्रोलियम कंपनियों के नुकसान की भरपाई : 25 रुपये लीटर तक डीजल में इजाफा, लेकिन फुटकर में वही पुराना दाम

डीजल

नई दिल्ली : रूस- यूक्रेन जंग का असर कच्चे तेल पर पड़ना शुरू हो गया है। इसका असर डीजल पर हुआ है। डीजल के दामों में अचानक से 25 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। यह इजाफा थोक उपभोक्ताओं के लिए हुआ है। इसके बाद से खुदरा पंप बंद होने की आशंका गहराने लगी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 40 प्रतिशत के उछाल के बाद दाम में यह इलाफा किया गया है। हालांकि, पेट्रोल पंपों के जरिये बेचे जाने वाले डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव अभी तक नहीं किया गया है।

इस महीने पेट्रोल पंपों की बिक्री में 20 प्रतिशत का उछाल आया है। बड़े-बड़े मॉल, व ट्रांसपोर्टस जैसे थोक उपभोक्ताओं ने पेट्रोल पंपों से ईंधन खरीदा है। आमतौर पर वे पेट्रोलियम कंपनियों से सीधे ईंधन की खरीद करते हैं। इससे ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों का नुकसान बढ़ा है। इसमें सबसे अधिक प्रभावित नायरा एनर्जी, जियो-बीपी और शेल जैसी कंपनियां हुई हैं। बिक्री बढ़ने के बावजूद इन कंपनियों ने अभी तक मात्रा में कमी नहीं की है। लेकिन अब पंपों के लिए परिचालन आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रह जाएगा। जानकारों के मुताबिक, 136 दिन से ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है जिसकी वजह से कंपनियों के लिए इन दरों पर अधिक ईंधन बेचने के बजाय पेट्रोल पंपों को बंद करना अधिक व्यावहारिक विकल्प होगा।

तेल कंपनियों के अनुसार लगातार पांचवें महीने पेट्रोल पंपों पर बिक्री बढ़ गई है। इसकी वजह यह है कि सस्ते डीजल के लिए बस ऑपरेटरों और मॉल जैसे थोक खरीदार भी पेट्रोलियम कंपनियों से सीधे टैंकर बुक करने की बजाय पंप (फ्यूल डीलर) से डीजल खरीद रहे हैं। इससे पेट्रोलियम कंपनियों का नुकसान और बढ़ा है। इस नुकसान से निपटने के लिए कंपनियां अपने स्तर पर प्रयास कर रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *