नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में लोगों की जिंदगी कोविड के साए में बीत रही है। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए दिल्ली में लॉकडाउन लगाया गया है, जिसके बाद से यहां पर गैर जरूरी चीजों, जगहों पर रोक लगा दी गई, लेकिन इन सबके बीच भी कुछ है जिस पर ना तो कोरोना का असर पड़ा है और ना ही लॉकडाउन का असर पड़ा। दरअसल केंद्र सरकार की 1,500 करोड़ से ज्यादा की परियोजना सेंट्रल विस्टा का काम लॉकडाउन में भी चल रहा है जैसे कोविड से पहले चल रहा था।
संसद भवन के निर्माण को अति आवश्यक सुविधा का दायरा
नए संसद भवन के निर्माण के काम को आवश्यक सेवाओं के दायरे में रखा गया, यहां मजदूर पूरी सुरक्षा के साथ काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि नए संसद भवन के निर्माण का काम साल 2023 से पहले पूरा हो जाए। आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना के दौरान विपक्ष से कई सवाल पूछे गए थे। वहीं अब कांग्रेस कोरोना महामारी के चलते इसे भवन को फिजूल खर्ची बता कर इसके काम में बाधा डालने में लगी हुई है।
लॉकडाउन में भी चल रहा निर्माण कार्य
जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान भी ज्यादातर मजदूर निर्माण स्थल से 16 किमी दूर से आ कर काम कर रहे हैं। बंगाल से यहां आकर काम कर रहे मजदूर ने बताया कि मजदूरों के लिए बस सेवा भी चलाई गई है जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।