CBSE 12वीं परीक्षा : 1 जून को हो सकता है तारीखों का ऐलान

CBSE 12वीं परीक्षा

नई दिल्लीः सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) के 12वीं के एग्जाम जल्द ही कराए जा सकते हैं। रविवार को इस मसले पर हाई-लेवल मीटिंग हुई। सूत्रों के मुताबिक, CBSE ने परीक्षा के लिए दो विकल्प रखे हैं। इसकी तारीखें और फॉर्मेट अभी तय नहीं है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि 12वीं की परीक्षा होगी। 1 जून को तारीखों का ऐलान हो सकता है। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत जुलाई में एग्जाम कराए जा सकते हैं। वहीं, स्टेट में 12वीं के एग्जाम कराने का फैसला उनके बोर्ड पर ही छोड़ा गया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्री-अफसरों अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और प्रकाश जावड़ेकर भी शामिल हुए।

सिर्फ 3 सब्जेक्ट के एग्जाम कराने पर विचार

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) 12वीं क्लास में मुख्य विषयों यानी मेजर सब्जेक्ट्स का एग्जाम लेने पर विचार कर रहा है। 12वीं में साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स के केवल 3 मुख्य विषयों की ही परीक्षा लेने पर विचार किया जा रहा है। बाकी सब्जेक्ट्स में मुख्य विषयों पर मिले नंबर्स के आधार पर मार्किंग का फॉर्मूला भी बन सकता है।

यह भी कहा गया है कि जो स्टूडेंट कोरोना की वजह से एग्जाम नहीं दे पाते हैं, उन्हें एक और मौका मिलना चाहिए। सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के चलते 12वीं बोर्ड का एग्जाम टाल दिया था।

परीक्षा को लेकर मनीष सिसोदिया का बयान

वहीं परीक्षा को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से कहा कि छात्रों को टीका लगाने से पहले 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं कराना बहुत बड़ी गलती साबित होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र को 12वीं कक्षा के छात्रों के टीकाकरण के संबंध में फाइजर से बात करनी चाहिए।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि 12वीं कक्षा के 95 प्रतिशत छात्र 17.5 साल से अधिक की आयु के हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र को विशेषज्ञों से बात करनी चाहिए कि क्या उन्हें कोविशील्ड, कोवैक्सीन टीका लगाया जा सकता है।

एग्जाम को लेकर CBSE के पास 2 विकल्प
  • पहला: सिर्फ मेजर सब्जेक्ट की परीक्षा निर्धारित सेंटर्स पर कराई जा सकती है। इन परीक्षाओं के नंबर्स को आधार बनाकर माइनर सब्जेक्ट में भी नंबर दिए जा सकते हैं। इस विकल्प के तहत परीक्षा करवाने के लिए प्री-एग्जाम के लिए 1 महीना, एग्जाम और रिजल्ट डिक्लेयर करने के लिए 2 महीने और कंपार्टमेंट एग्जाम के लिए 45 दिनों का समय चाहिए होगा। यानी इस विकल्प को तब ही अपनाया जा सकता है, जब CBSE बोर्ड के पास 3 महीने की विंडो हो।
  • दूसरा: दूसरे विकल्प में सभी सब्जेक्ट्स के एग्जाम के लिए डेढ़ घंटे (90 मिनट) का समय निर्धारित करने का सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही पेपर में सिर्फ ऑब्जेक्टिव या शॉर्ट क्वेश्चन ही पूछने की सलाह दी है। इस तरह 45 दिन में ही एग्जाम कराए जा सकते हैं। इसमें कहा गया है कि 12वीं के बच्चों के मेजर सब्जेक्ट की परीक्षा उनके ही स्कूल में ले ली जाए। साथ ही, एग्जामिनेशन सेंटर्स की संख्या बढ़ाकर दोगुनी कर दी जाए।

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