– संक्रमण के आंकड़ों में बढ़ोतरी का ग्राफ जारी
– सरकार के संसाधन कम पड़े, इंजेक्शनों की किल्लत के बीच बेड फूल, बीलवा के राधा स्वामी सत्संग स्थल को कोविड सेंटर बनाये जाने की तैयारी, अन्य स्थानों की भी खोज
जयपुर : कोरोना राजस्थान में भी पैर पसारता जा रहा है। संक्रमित का आंकड़ा कम होने के स्थान पर बढ़ रहा है। आज कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 12201 हो गई। इससे भी चिंता की बात कोरोना से एक दिन में होने वाली मौतों को लेकर हैं। आज सीधे 64 का आंकड़ा मृतकों का पहुंच गया। जयपुर में कर्फ्यू की सख्ती का कोई असर आंकड़ों में नजर नहीं आ रहा। जयपुर में आज 1875 संक्रमित मिले।
कोरोना के विकराल रूप के हालात यह है कि जोधपुर में आज फिर से 1545,कोटा में 1382, उदयपुर में 932, अलवर में 650, भीलवाड़ा व सिरोही में 475, अजमेर में 435, डूंगरपुर में 355 संक्रमित केस दर्ज किए गए। मात्र 5 जिले है जिनका आंकड़ा सौ से थोड़ा कम है। बाकी में तो कोरोना की स्प्रेड जारी है।
राज्य में हालात जल्द सुधरते नजर नहीं आ रहे। इसी के चलते प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 की अवधि 21 मई तक बढ़ा दी। ये अवधि पहले 21 अप्रैल को समाप्त हो रही थी।
बीलवा का राधा स्वामी सत्संग स्थल को बनाया कोविड अस्पताल
राजस्थान में मिनी लॉक डाउन के बावजूद बेकाबू होती कोरोना के हालातों से निपटने के लिए बीलवा के पास राधा स्वामी सत्संग परिसर में 5,000 बेड के एक अस्पताल की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही प्रशासनिक व्यवस्थाओ को बनाए रखने के लिए आबकारी आयुक्त डॉ. जोगाराम व एक अन्य आईएस ओमप्रकाश कसेरा की सेवाएं भी फिलहाल चिकित्सा विभाग में स्थानांतरित की गई है ताकि कठिन से कठिन स्थितियों से निपटा जा सके। अब तक सरकार चार जिलोंं में 12 आईएएस और 13 आरएएस को कोविड में अस्थायी चार्ज दे चुकी है। राधा स्वामी सत्संग परिसर में स्थापित किए जा रहे इस अस्पताल में खाने आदि के इंतजाम भी राधा स्वामी परिवार के स्वयंसेवक करेंगे जबकि चिकित्सा सुविधा सरकार की होगी।
वहीं, राज्य सरकार ने एक अहम फैसला यह भी लिया है कि दूध-सब्जी, किराना और मेडिकल दुकानदारों को 45 वर्ष की उम्र वालों के साथ वैक्सीन टीका लगाया जाएगा।
लापरवाही के चलते राज्य में बढ़े कोरोना मरीज
इस बीच पता चला है कि जांच पड़ताल के अभाव में बाहरी राज्यो से कोरोना मरीज प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हो गए उसने हालातो को ज्यादा बिगाड़ दिया। सरकार की ओर से राजस्थान में प्रवेश करने के लिए महाराष्ट्र, केरल, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात से आने वाले समस्त लोगों को 72 घंटे पूर्व का आरटी पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव लाना जरूरी था, लेकिन जिम्मेदार प्रशासन ने इस आदेश की पालना करना तो बहुत दूर बल्कि चेक पोस्ट तक नहीं बनाई। इसका नतीजा यह हुआ कि अन्य प्रदेशों से आए कोरोना पॉजिटिव मरीज व उनके परिजन पूरे राजस्थान में घुस गए। उसके कारण स्थिती ये है कि राजस्थान के मरीजों को किसी भी अस्पताल में पर्याप्त मूलभूत सुविधाओ जैसे बैड, आई सी यू, आक्सीजन, वेंटीलेटर के साथ-साथ जीवन रक्षक रेमडेसीवर इंजेक्शन के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।